TRENDING TAGS :
Jhansi: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का देश-विदेश के 85 संस्थानों से MoU, शोध और उद्योग में स्टूडेंट को मिलेगा लाभ
Jhansi News Today: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने पढ़ाई, शोध और उद्योग के क्षेत्र में अब तक देश-विदेश के 85 संस्थानों से एमओयू किया है, जिनमें से 12 विदेशी संस्थान हैं।
Jhansi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के उच्च शिक्षण संस्थानों को उद्योग-अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देने संबंधी निर्देशों का असर साफ़ दिखाई देने लगा है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (Bundelkhand University) ने पढ़ाई, शोध और उद्योग के क्षेत्र में अब तक देश-विदेश के 85 संस्थानों से एमओयू किया है, जिनमें से 12 विदेशी संस्थान हैं। इन सबके अलावा भी कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से एमओयू की तैयारी चल रही है। संस्थानों से एमओयू का लाभ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिल रहा है। एक ओर जहां वे अध्ययन और रिसर्च के क्षेत्र में अन्य संस्थानों के अनुभवों व संसाधनों का उपयोग कर पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
पढ़ाई, रिसर्च और रोजगार पर केंद्रित
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थानों, शोध संस्थानों और औद्योगिक संस्थानों से तीन उद्द्येश्यों को लेकर एमओयू करता है। अध्ययन-अध्यापन के नवाचारों और सामग्रियों का आदान-प्रदान, शोध के क्षेत्र में ज्ञान और संसाधनों का आदान प्रदान और नौकरियों में औद्योगिक संस्थानों की जरूरत को समझने के मकसद से एमओयू किया जाता है। विश्वविद्यालय ने भारत के 73 संस्थानों से एमओयू किया है, जिनमें आईसीएआर, पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स, सीडीआरआई, सीएसआईआर, एचडीएफसी बैंक, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय सहित अन्य शामिल हैं।
इनके अलावा 12 विदेशी संस्थानों से एमओयू हुआ है, जिनमें सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग संगठन, स्पेन का ग्रेनेडा विश्वविद्यालय, अमेरिका का वेनी क्रियेटर क्रिश्चियन विश्वविद्यालय, मलेशिया के सेन्स विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थान शामिल हैं। रूस के विद्यार्थी और शिक्षक कुछ समय पूर्व हिंदी भाषा सीखने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आये थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी विदेशी संस्थाओं के साथ अध्ययन-शोध और प्रशिक्षण का अवसर दिलाने की ओर प्रयास चल रहा है।
सरकार कर रही प्रेरित
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुपम व्यास के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिश है कि नई शिक्षा नीति को बढ़ावा मिले। इससे इस तरह की गतिविधियों को प्रेरणा मिलती है। एमओयू से एक ओर जहां समझौता करने वाले दोनों संस्थान एक दूसरे के अनुभवों व संसाधनों का लाभ उठाते हैं तो दूसरी ओर औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकताओं को समझकर हम अपने विद्यार्थियों को उसके मुताबिक प्रशिक्षित करते हैं, जिससे वे शिक्षा पूरी करने के बाद उन संस्थानों के लिए कारगार साबित हो सकें।