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Jhansi News: इंदौर अग्निकांड में मरे आशीष राठौर के परिवार में छाया मातम, मां का रो-रोकर बुरा हाल

Jhansi News Today: इंदौर अग्निकांड में मारे गए आशीष राठौर की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटा की मौत की खबर सुनकर मां कल्पना देवी बेहोश हो गई।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Deepak Kumar
Published on: 9 May 2022 5:15 PM GMT
Jhansi News In hindi
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इंदौर अग्निकांड में मरे आशीष राठौर के परिवार में छाया मातम।

Jhansi News Today: जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता। कब किसे क्या हो जाए कुछ कह नहीं सकते हैं। जब कोई अचानक इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है तो बड़ा दुख होता है। यह दुख तब और भी गहरा हो जाता है जब किसी की कम उम्र में ही मौत हो जाती है। एक माता-पिता की यही इच्छा रहती है कि उनके मरने के बाद उनका बेटा उन्हें मुखाग्नि देगा। उनका अच्छे से अंतिम संस्कार करेगा। लेकिन जरा सोचिए उन मां- बाप पर क्या बीतेगी जिन्हें खुद ही अपने बड़े बेटा की अस्थियां बिसर्जन को मिली है। दिल को झंझोड़ देने वाला यह मामला इंदौर का है। जहां सात लोगों की मौत हो गई थी।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

बड़े बेटा आशीष राठौर की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले में मातम का माहौल है। सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि रिश्तेदार भी आशीष की मौत से बड़े दुखी हैं। बेटा की मौत की खबर सुनकर मां कल्पना देवी बेहोश हो गई। वहीं पिता विनोद राठौर के ऑसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह भगवान से यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनसे ऐसी क्या गलती हुई थी जो उन्हें खुद की मौत से पहले बेटे की मौत देखनी पड़ी। मां कल्पना की हालत बहुत खराब है। वह कुछ भी बोलने या बात करने की स्थिति में नहीं है। आसपास के लोग उनकी हालत देखकर उन्हें पकड़ते हैं। वह बेहोश होकर गिर जाती हैं। फिर पानी का छींटा मारकर उन्हें होश में लाया जाता है। होश आते ही हमारा बेटा आशीष,हमारा बेटा आशीष कहकर चीखने लगती है।


आशीष ने यलो चर्च से शुरु की थी पढ़ाई

पिता विनोद राठौर का कहना है कि उनके तीन बेटा है। इनमें सबसे बड़े आशीष, दूसरा न हिमांशू उफर् बासू और तीसरा ओम राठौर है। तीसरे बेटा को गोद में दे दिया था। आशीष ने अपनी पढ़ाई सीपरी बाजार स्थित यलो चर्च से शुरु की थी। इसके बाद सेन्ट ज्यूड्स, क्रिश्चियन इंटर कालेज, हरकिशन डिग्री कालेज में पढ़ाई की थी। इसके बाद मथुरा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने चला गया था। कुछ दिन बाद आशीष झाँसी वापस आकर पानी का काम करने लगा था। इसके बाद यह काम उसने संभाला तो आशीष इंदौर में जाकर 15 फरवरी 2019 से रहने लगा था। यह शैयर मार्केट का काम करता था। घटना के दो दिन पहले वह किराए का मकान छोड़कर उक्त बिल्डिंग में रहने के लिए आया था, जबकि उसका छोटा बेटा वासू राठौर इंदौर के एक हॉस्टल में रहता था। इस घटना की जानकारी जब उसके बेटा वासू को हुई तो वह वहां पहुंच गया था। उसने अपने भाई आशीष राठौर की पहचान की थी। इसकी जानकारी लगते ही मैं व अन्य लोग इंदौर गए हुए थे।

मैं तुम सबको जला दूंगा..... एक माह पहले दी थी धमकी

इंदौर के स्वर्णबाग में सात लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी संजय दीक्षित ने एक माह पहले भवन में रहने वालों को जलाने की धमकी दी थी। फिर वह लड़की से लड़ने आया था। जब वह पार्किग में लड़की से लड़ रहा था, तो आगजनी में जान गंवाने वाले ईश्वर सिसोदिया और अन्य निवासियों ने हस्तेक्षप किया और संजय को कॉलोनी से भगा दिया था। वहां जाते हुए वह धमकी देकर चला गया था। उसने पुलिस रिमांड में यह कबूल किया।

प्रेमनगर थाना क्षेत्र (Premnagar police station area) के बृहमपुरी कालोनी निवासी संजय दीक्षित को कोर्ट में पेश कर मंगलवार तक के रिमांड पर लिया गया। एमवाय अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उससे पूछताछ की गई और सात लोगों की हत्या करने की बात स्वीकार की है। इस संबंध में डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्यया के मुताबिक आरोपी ने बताया कि उसका छह महीने से बिल्डिंग में रहने वाली लड़की से कहासुनी हो रही थी। उसने मुझसे प्यार करने का नाटक किया और दूसरे लड़कों से बात करने लगी। करीब एक महीने पहले मैं लड़की से मिलने इंसाफ पटेल के घर गया था और पार्किंग को लेकर विवाद हो गया था। बाद में अन्य लोगों ने हस्तक्षेप किया और उसे कॉलोनी से भगा दिया था। साथ ही मैंने कहा कि मैं तुम सबको मार डालूंगा या तुम्हें जला दूंगा।

संजय के परिजनों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया

डीसीपी के मुताबिक संजय शातिर अपराधी है। वह धोखाधड़ी के मामले में पुणे की यरवदा जेल में बंद रहा है। उन्होंने दिल्ली में ऋण संबंधी काम और पलासिया में एक कॉल सेंटर और सलाहकार फर्म में काम किया है। अन्य शहरों से भी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मांगी गई है। संजय के पिता देवेंन्द्र कुमार दीक्षित रेलवे एसी शेड में इंजीनियर हैं। गिरफ्तारी के बाद परिजनों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

प्रेमिका की बहन ने आरोपी को पीटा

सात लोगों की मौत के गुनहगार संजय को हर कोई नफरत की नजर से देख रहा है। संजय को अदालत में पेश किया। इससे पहले थाने में भीड़ में घुसकर एक युवती ने थप्पड़ मार दिया। यह युवती थाने में बैठी बहन से मिलने आए आरोपी की प्रेमिका की बहन थी। उन्होंने टीआई को उनके सामने थप्पड़ मार दिया और चिल्लाते हुए पूछा कि एेसा करने से क्या मिला। जिस लड़की से आरोपी का प्रेम संबंध था, उसकी मां मुस्लिम है और उसने तीन शादियां की हैं। पहली शादी रमेश कश्यप नाम के शख्त से हुई थी। लड़की उसकी संतान है। रमेश से रिश्ता तोड़ने के बाद दो शादियां कीं औऱ बाद में मोती तबेला में रहने वाले भाई के साथ रहने लगी। वह फिलहाल खजराना इलाके में रहती है।

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Deepak Kumar

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