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Jhansi: सत्तादल नेताओं के दवाब में काम कर रहे देहात सर्किल के थानेदार, अवैध खनन पर नहीं कस रहे नकेल
Jhansi News Today: तहसील गरौठा क्षेत्र के धमनोड घाट से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। वहीं, देहात सर्किल के चुनिंदा थानेदार सत्तादल नेताओं के इशारे पर ही थाना चला रहे हैं।
Jhansi News Today: सरकार हमारी, हम तो बालू का अवैध खनन करेंगे, किसी की हिम्मत नहीं जो हमारे ट्रकों को पकड़ सके, अगर किसी ने पकड़े तो उनको देख लेने की धमकियां मिलती नजर आ रही हैं। बगैर प्रपत्रों के धड़ल्ले से चल रहे ट्रक को सीओ गरौठा ने चेकिंग के दौरान पकड़ा मगर फोन आते ही वहां से खिसक गई। इससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं सीओ गरौठा का भूमिका संदिग्ध है। उधर, देहात सर्किल के चुनिंदा थानेदार सत्तादल नेताओं के इशारे पर ही थाना चला रहे हैं। इस तरह की चर्चाओं का बाजार काफी गर्म नजर आ रहा है।
धमनोड घाट से किया बालू का अवैध खनन
तहसील गरौठा क्षेत्र के धमनोड घाट से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। बगैर प्रपत्रों के धड़ल्ले से ट्रक चल रहे हैं। इसकी शिकायत शासन स्तर से की गई है। इसी के मद्देनजर गरौठा अंतर्गत धमनोड घाट से बगैर कागजों के तीन ट्रक प्रज्ञा पाठक पुलिस क्षेत्राधिकारी गरौठा के द्वारा चेकिंग के दौरान पकड़े गए। जिनमें से दो ट्रक थाना ककरवई एक ट्रक कोतवाली गरौठा में दाखिल किया गया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक गरौठा एवँ प्रभारी निरीक्षक ककरवई के मुताबिक वाहन के प्रपत्र न होने के कारण 207 एमवी एक्ट के अंतर्गत चालान किया गया। वही इस संबंध में मीडिया द्वारा पुलिस क्षेत्राधिकारी गरौठा से संबंधित कार्यवाही के बारे में जानकारी करने का प्रयास किया गया तो पुलिस क्षेत्राधिकारी गरौठा मीडिया से किनारा करती हुई नजर आई जिससे संदेह की स्थिति पैदा हो गई। आखिर क्यों पुलिस क्षेत्राधिकारी को मीडिया से किनारा करना पड़ा।
एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही है धज्जियां
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए ट्रकों का संचालन सत्ताधारी नेताओं के द्वारा करवाया जा रहा है। ग्राम धमनोड में अनेकों निजी भूमि के पट्टे 3 महीने के लिए दिए गए हैं। जिनमें जमकर एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और सिस्टम की मेहरबानी से ज्यादातर ट्रक ओवरलोड तथा एनआर चल रहे हैं जब मीडिया द्वारा खबरें चलाई जाती हैं तो यहाँ मौजूद अधिकारी अपनी नाक बचाने के लिए गिने-चुने ट्रक पकड़ कर कार्रवाई कर इतिश्री कर लेते है।
अगर अवैध खनन में लिप्त ड्राइवर कंडक्टर एवं ट्रक मालिक पर सरकार की मंशा अनुसार सख्त कार्यवाही की जाए, उनको पकड़कर जेल भेजा जाए तो अवैध खनन करने वालों के हौसले पस्त हो जाएंगे। परन्तु इस तरह की कार्रवाई होना तभी सम्भव है जब कोई राजनेतिक दबाब न हो, कार्रवाई के बाद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मीडिया से नजरें चुराना एक बड़ा सवाल बनता है ?