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Jhansi News: पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ कांड, पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, सीबीसीआईडी करेगी विवेचना

Jhansi News: इस मामले में अदालत ने 13 अक्तूबर को एसएसपी झाँसी, मोंठ व गुरसरांय थानाध्यक्षों को तलब किया है

B.K Kushwaha
Published on: 29 Sept 2022 10:03 PM IST
Jhansi News Pushpendra Yadav encounter case registered against police personnel CBCID investigate HC
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Jhansi News Pushpendra Yadav encounter case registered against police personnel CBCID investigate HC (Social Media)

Jhansi News Today: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर चर्चित पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ के मामले में मोंठ थाने की पुलिस ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में अदालत में आज सुनवाई भी की गई है। साथ ही मुकदमा दर्ज करने के संबंध में अदालत को अवगत कराया गया है। उधर, याचिका कर्ता ने अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि मोंठ पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट तो दर्ज कर ली है मगर धर्मेंद्र सिंह यादव कौन है जिसे वादी बनाया गया है। इस मामले में अदालत ने 13 अक्तूबर को एसएसपी झाँसी, मोंठ व गुरसरांय थानाध्यक्षों को तलब किया है।

मोंठ थाना क्षेत्र के ग्राम करगुंवा निवासी शिवांगी यादव ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि 5 अक्तूबर 2019 को मोंठ थाना के अंतर्गत उसके पति पुष्पेंद्र यादव की एक फर्जी मुठभेड़ में नृशंसा हत्या के षडयंत्र की जांच के लिए स्वतंत्र एसआईटी गठित की जाए। उक्त निर्देश पारित करते हुए न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वाइज मियां की पीठ ने कहा,इस अदालत की ओर से 19 फरवरी 2022 को पारित विस्तृत आदेश के संबंध में याचिकाकर्ता का यह बयान दर्ज करना न्यायहित में होगा कि उसके पति की एक फर्जी मुठभेड़ में नृशंसा हत्या की गई।

याचिकाकर्ता के मुताबिक, इससे पूर्व उसने झाँसी एसएसपी को 11 अक्तूबर 2019 को एक प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि पुष्पेंद्र की एक फर्जी मुठबेड़ में पुलिस द्वारा हत्या की गई और इस फर्जी मुठभेड़ के साक्ष्य को मिटाने और इस मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए परिजनों की अनुपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से यह आरोप भी लगाया गया कि मुठभेड़ और पुष्पेंद्र की मृत्यु से जुड़े दस्तावेजों को भी परिवार को नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्देश देने और इस मुठभेड़ की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने का भी अनुरोध अदालत से किया गया है।

वहीं, अदालत के आदेश पर मोंठ थाने की पुलिस ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में शासन को भी अवगत कराया गया। शासन ने उक्त मामले की विवेचना सीबीसीआईडी से कराने के निर्देश दिए हैँ। इन निर्देश के तहत सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के साथ एसआईटी टीम को गठन किया गया। इसमें दो लोगों को रखा गया है। इस प्रकार तीन सदस्यीय टीम उक्त मामले की विवेचना करेगी। वहीं, विद्धान महाधिवक्ता ने धारा 364,302, 201 और 120बी आईपीसी के तहत 2022 के केस क्राइम नंबर 250 की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति पेश की है और पुलिस थाना मोंठ जिला झाँसी में दर्ज की गई। उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट के शिकायतकर्ता धर्मेंद्र सिंह यादव है।

वहीं, शिवांगी यादव ने अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि मोंठ पुलिस का कहना है कि अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है मगर पुलिस ने उनकी जगह धर्मेंद्र सिंह यादव को वादी बनाया?। आखिर धर्मेंद्र सिंह यादव कौन है?। इस मामले को अदालत ने गंभीरता से लिया है। अदालत का मानना है कि प्रथम दृष्टया एेसा प्रतीत होता है कि आदेश का पालन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता की शिकायत अभी दर्ज नहीं की गई है।

यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता को जानबूझकर मुखबिर नहीं बनाया गया है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसके पति की हत्या पुलिस अधिकारियों ने फर्जी, मंच से संचालित मुठभेड़ में की थी। अदालत ने उक्त मामले को गंभीरता से लिया है। अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झाँसी, गुरसरांय और मोंठ थानाध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। अदालत ने 13 अक्तूबर को सभी को तलब किया है। वे पेंश होंगे और अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कारण बताएंगे कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।

ऐसा था पुष्पेंद्र एनकाउंटर

झाँसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्तूबर की रात कथित रुप से बालू खनन में शामिल पुष्पेदं्र यादव को गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेद्र ने कानपुर झाँसी राजमार्ग पर मोंठ के थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलाई थी। झाँसी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह के मुताबिक पुष्पेंद्र यादव अवैध रुप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त करने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी।

पुलिस के मुताबिक पुष्पेंद्र समेत तीन बाइक सवार ने 5 अक्तूबर 2019 रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झाँसी राजमार्ग पर रोका। पुष्पेंद्र ने धर्मेंन्द्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया। इसके बाद सुबह तीन बजे गरौठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया था। छह अक्तूबर 2019 को पुष्पेंद्र यादव, बिपिन और रविन्द्र के खिलाफ मोंठ और गुरसरांय पुलिस थाने में दो अलग- अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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