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Jhansi GRP Police Video: एसपी आरक्षी बन कर पहुंचे रेलवे स्टेशन, लिया यात्रियों की सुरक्षा का जायजा

Jhansi Video: आईपीएस अधिकारी इमरान जमीनी हकीकत को जानने के लिए सिपाही की ड्रेस पहनकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। इस खबर के सामने आने के बाद उनकी काफी तारीफ हो रही है।

Krishna Chaudhary
Published on: 25 Aug 2022 10:05 AM GMT
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यात्रियों की सुरक्षा का जायजा लेते एसपी

Jhansi GRP Police Video: भारत का रेल नेटवर्क 65 हजार किलोमीटर लंबा है। प्रत्येक साल अरबों की संख्या में यात्री इससे सफर करते हैं। इतने विशाल नेटवर्क में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी रेल पुलिस यानी जीआरपी के पास है। ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर जीआरपी मुख्यालय (GRP Headquarters) हमेशा कड़ी कवायद करता है। ट्रेनों में एस्कॉर्ट करने के लिए सिपाहियों को जीआरपी साधन और संसाधन से लैस करता रहता है। मगर इसके बावजूद ट्रेनों में घटनाएं होती रहती हैं। आपराधिक तत्व यात्रियों को निशाना बनाते रहते हैं। ऐसे में झांसी में बतौर रेल एसपी तैनात मोहम्मद इमरान ने एक अनूठा प्रयोग किया।

सिपाही की ड्रेस पहनकर पहुंचे रेलवे स्टेशन

आईपीएस अधिकारी इमरान (IPS officer Mohammad Imran) जमीनी हकीकत को जानने के लिए सिपाही की ड्रेस पहनकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। इस खबर के सामने आने के बाद उनकी काफी तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उनके बारे में काफी कुछ अच्छा लिख रहे हैं। ऐसे समय में जब पुलिस अधिकारी अपनी भ्रष्ट छवि और कामकाज को लेकर आम लोगों के नजरों में संदेह की दृष्टि से देखे जाते हैं, तब मोहम्मद इमरान जैसे पुलिस अफसर इस बात का यकीन दिलाते हैं कि सिस्टम में अब भी काफी अच्छे लोग मौजूद हैं।

सिपाही बनकर दो ट्रेनों को एस्कॉर्ट किया

आईपीएस अधिकारी मोहम्मद इमरान (IPS officer Mohammad Imran) सिपाही की ड्रेस पहनकर सबसे पहले शान ए भोपाल ट्रेन में एस्कॉर्ट करते हुए ट्रेन को बीना तक ले गए। इस दौरान उन्होंने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों से बातचीत की और सुरक्षा का जायजा लिया। इसके अलावा लंबी दूरी की गाड़ियों में एसपी जीआरपी ने ट्रेनों के दरवाजों को भी बंद किया। साथ ही उन्होंने बॉडी वन कैमरा भी पहना। बीना आने के बाद दूसरी ट्रेन मंगला लक्षद्वीप को भी जीआरपी एस्कॉर्ट बनकर बीना से झांसी तक लाए।

अपनी इस कवायद पर जीआरपी एसपी मोहम्मद इमरान का कहना है कि ट्रेनों में कभी – कभी होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाने और ट्रेनों में तैनात जीआरपी के सिपाहियों की मुस्तैदी को परखने के लिए इस तरह के प्रयोग जरूरी है।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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