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छात्रों की मुश्किलें बढ़ी: जिले में परीक्षा को लेकर हो रहे असमंजस, न जाए अब क्या होगा आगे

वैश्विक महामारी के कारण विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस कारण छात्र मानसिक दवाब व कई कठिनायों का सामना कर रहे हैं।

Roshni Khan
Published on: 25 Jun 2020 8:09 AM GMT
छात्रों की मुश्किलें बढ़ी: जिले में परीक्षा को लेकर हो रहे असमंजस, न जाए अब क्या होगा आगे
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झांसी (यूपी): वैश्विक महामारी के कारण विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस कारण छात्र मानसिक दवाब व कई कठिनायों का सामना कर रहे हैं। इसको लेकर अलग-अलग सुझाव आ रहे हैं। यह जानकारी झांसी विभाग संगठन मंत्री अजय यादव ने पत्रकारों को दी है। उन्होंने बताया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राष्ट्रीय स्तर पर मांग की है कि जब तक वैश्विक महामारी हल ना हो जाए तब तक परीक्षाएं नहीं कराई जानी चाहिए, अगले सत्र में टाइम मैनेजमेंट करके अनियमित सत्र को नियमित किया जाए। ऐसा पूर्व में भी कई संस्थाओं के द्वारा किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही परंपरागत परीक्षा प्रणाली के स्थान पर विद्यार्थियों की सुविधा अनुसार विकल्प चुनने की सुविधा प्रदान की जाए। इसमें ऑनलाइन माध्यम से वैकल्पिक परीक्षा, गृह कार्य, वीडियो अथवा टेलीफोन माध्यम से मौखिक परीक्षा कराई जा सकती है।

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परीक्षा का विपल्प छात्र को अवश्य मिलना चाहिये

प्रमोटे करने से छात्र के लिए हमेशा कहने के लिए हो जायेगा की ये प्रमोटेड रहे हैं। साथ ही जिन छात्रों की आंतरिक परीक्षा या पूर्व की कोई परीक्षा सही नहीं हुई है, उसको उस आधार पर अंक देने से उसका भविष्य भी ख़राब हो जायेगा। इसलिए परीक्षा का विपल्प छात्र को अवश्य मिलना चाहिये। विभाग प्रमुख मनेन्द्र गौर ने कहा इस महामारी से लोगों के व्यवसाय रोजगार प्रभावित हुए हैं ऐसे में विद्यार्थियों से अन्य मदों पर किसी तरह की फीस को ना लिया जाए और ट्यूशन फीस को लेकर छात्रों पर आर्थिक बोझ ना पड़े इसका भी ध्यान सरकार को रखना चाहिए। प्रांत उपाध्यक्ष अंजू गुप्ता ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन वह ऑफलाइन दोनों माध्यमों से परीक्षा विकल्प देना चाहिए साथ ही जो छात्र अभी हॉटस्पॉट में है उनके लिए सप्लीमेंट्री पेपर की व्यवस्था की जानी चाहिए।

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उन्होंने आगे कहा की प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को स्पेशल कैरी ओवर की सुविधा प्रदान की जाए और बाद में इनकी परीक्षा संपन्न कराई जाए, जहाँ ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प ना हो वहां पारंपरिक परीक्षा प्रणाली को समुचित व्यवस्था के साथ कराया जाए। अभाविप ने आज राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर पर प्रेस वार्ता के माध्यम से अभाविप अपना सुझाव रखें है। इसे वृहद स्तर पर छात्रों से चर्चा के उपरांत तैयार किया गया है। इस अवसर पर प्रांत सोशल मीडिया प्रमुख अजय शंकर तिवारी, श्रद्धा तिवारी, जाया श्रीवास्तव, पंकज शर्मा, समरेन्द्र प्रताप सिंह आयुष उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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