Jhansi News: छात्र के आत्महत्या में ट्रेनर को दस साल का कारावास, जिला कोर्ट ने सुनाया फैसला

Jhansi News: आत्मदाह के लिए मजबूर करने के मामले में दोषी पाए गए ट्रेनर रेलवे कर्मचारी को दस साल के कारावास से दंडित किया है। साथ ही पचास हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड न देने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।

B.K Kushwaha
Published on: 24 May 2023 9:29 PM GMT
Jhansi News: छात्र के आत्महत्या में ट्रेनर को दस साल का कारावास, जिला कोर्ट ने सुनाया फैसला
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पुलिस के गिरफ्त में आरोपी (Pic: Newstrack)

Jhansi News: न्यायालय संख्या-2 के अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा ने छात्र को आत्मदाह के लिए मजबूर करने के मामले में दोषी पाए गए ट्रेनर रेलवे कर्मचारी को दस साल के कारावास से दंडित किया है। साथ ही पचास हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड न देने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र पांचाल ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के मेवातीपुरा मोहल्ले में रहने वाले बाकर हसन ने थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि पॉलीटेक्निक करने के बाद उसका बेटा शहनवाज अली रेलवे वर्कशॉप में अप्रेंटिस करने गया था। वहां आरोपी काजिम रजा उर्फ अली नबाब उसका ट्रेनर था। पिता बाकर हसन ललितपुर सीडीओ ऑफिस से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको तीस लाख रुपए फंड मिला था। इसकी जानकारी काजिम रजा को थी।

वाकर हसन ने बताया कि 3 फरवरी 2020 की रात दस बजे काजिम रजा घर पर आया और शबनबाज को बुलाकर ले गया। उसे किसी लड़की का वीडियो-ऑडियो सुनाया। बेटा से पांच लाख रुपयों की मांग की। न देने पर ऑडियो वायरल करने की धमकी दी थी। 4 फरवरी 2020 को फिर वह घर पर आया और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पुनः पांच लाख रुपये की मांग की। इसकी जानकारी शहनबाज ने अपने माता-पिता को। तब वे बात करने आरोपी काजिम के घर पहुंचे। वहां से रिश्तेदार के घर चले गए थे। पीछे से शहनवाज अली ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी। उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। हालात में सुधार न होने पर ग्वालियर, फिर दिल्ली ले गए थे। 8 फरवरी 2020 को उपचार के दौरान शहनवाज की मौत हो गई थी।

परिजनों का कहना है कि मरने से पहले शहनवाज ने दिल्ली पुलिस को अपने बयान दर्ज कराए थे। जिसमें काजिम रजा को मौत का जिम्मेदार बताया था। यह मृत्युपूर्व बयान अदालत ने विश्वसनीय माना। इसके आधार पर दोषी रेलवे कर्मचारी काजिम रजा को आईपीसी की धारा 306 में दस साल के कारावास की सजा सुनाई है।

दुष्कर्म में अभियुक्त को दस साल का कारावास

अपर सत्र न्यायाधीश नीतू यादव की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायालय ने तीन साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक चंद्रप्रकाश शर्मा ने बताया कि एक महिला ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि क्षेत्र के एक गोदाम में वह परिवार के साथ रहकर पत्नी छांटने का काम करती थी। वहीं, एक अन्य महिला शीला अपने बेटे मुकेश के साथ काम करती थी। 26 जून 2019 को वह अपने पति के साथ पूजा में शामिल होने के लिए गांव गई थी। इसी दौरान उसकी 14 साल की बेटी को खालसा स्कूल इंटर कालेज के पास रहने वाला मुकेश बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था।

इस काम में मुकेश की मदद उसके परिजनों ने की थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिग को बरामद कर लिया था। पड़ताल में नाबालिद के साथ दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई थी। बाद में पुलिस की ओर से आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त मुकेश बरार को दस साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। साथ ही अदायगी न करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा न्यायालय ने अभियुक्त को अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई है।

B.K Kushwaha

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