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Jhansi News: प्यार का खुमार, घर से भागी 107 युवतियों में से 90 बरामद

Jhansi News: नाबालिग लड़कों को मां-बाप व परिजनों की बंदिशें रास नहीं आ रहीं, वह अपने प्यार के सतरंगी ख्वाबों को हकीकत में उतारने की खातिर घर की दहलीज लांघने से भी गुरेज नहीं कर रही हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 5 Jan 2024 12:24 PM IST
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झांसी में घर से भागी 107 युवतियों में से 90 बरामद (न्यूजट्रैक)

Jhansi News: लड़कियां प्यार की सतंरगी दुनिया को हकीकत में उतारने के लिए माता-पिता की दहलीज लांघने से बिल्कुल गुरेज नहीं कर रही। एक साल में ही 107 में से 90 लड़कियों बरामद हो चुकी हैं। पुलिस के मुताबिक लड़कियों के भागने के बाद उनके मां-बाप पुलिस और कचहरी के चक्कर लगाने लगते है। ऐसे हालात में पुलिस को भी शेष लड़कियों की तलाश में शहर दर शहर की खाक छाननी पड़ जाती है।

रुपहले पर्दें पर होने वाली मोहब्बत की दास्तानें जिले में साकार रुप ले रही हैं। यहां नाबालिग लड़कों को मां-बाप व परिजनों की बंदिशें रास नहीं आ रहीं, वह अपने प्यार के सतरंगी ख्वाबों को हकीकत में उतारने की खातिर घर की दहलीज लांघने से भी गुरेज नहीं कर रही हैं। वर्ष 2023 में दफा 363,366 के 105 मुकदमा पंजीकृत किए गए हैं। इनमें 107 अपहृत लड़कियों में से 90 बरामद की जा चुकी है। इनमें अधिकांश लड़कियां अपने घर छोड़कर प्रेमी के साथ भाग चुकी हैं। उधर जिले में 363 के 73 मामले पंजीकृत किए गए हैं। इनमें 79 गुमशुदा हुए हैं जिनमें 68 बरामद किए जा चुके हैं। इनमें किशोर और नाबालिग लड़कियां शामिल है।

ज्यादातर नाबालिग लड़कियों ने छोड़ा घर

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक एक साल के अंदर घर छोड़कर भागने वाली लड़कियों में ज्यादातर नाबालिग हैं। पुलिस के मुताबिक इनमें भी सबसे ज्यादा संख्या 14 साल से 17 साल के बीच का है। दरअसल जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही इनको इश्क का रोग लगाऔर इन्होंने अपने मां-बाप की इज्जत को ताक पर रखकर प्रेमी के साथ घर से निकल गए। वहीं उसके बाद से इन लड़कियों के परिजन थाने औऱ कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।

कई बार नीलाम हो चुकी है मां-बाप की इज्जत

कचहरी में ऐसी लड़कियां कई बार अपनी मां बाप की इज्जत को उछाल चुकी है। दरअसल जो लड़कियां नाबालिग होती हैं, उन्हें तो पुलिस बरामद करने के बाद परिजनों को वापस कर देती है, लेकिन जब लड़की बालिग होती है तो आम तौर पर वह अपने बयान (सीआरपीसी की धारा 164 के तहत) में कह देती है कि वह बालिग है और उसने अपनी मर्जी से शादी की है। इसके बाद उसे कानून भी विवश नहीं कर पाता। वहीं लड़की अपने प्रेमी के साथ चली जाती है। ऐसे हालात में उनके मां-बाप की पगड़ी उतर जाती है।

पुलिस की महिला सेल का काम काफी बढ़ेगाः नोडल अधिकारी

एसएसपी कार्यालय की सीओ व नोडल अधिकारी स्नेहा तिवारी ने बताया कि रोज किसी ना किसी क्षेत्र से लड़कियों के भागने की वजह से पुलिस की महिला सेल का काम काफी बढ़ गया। उनका कहना है कि प्रेमी और प्रेमिका की बरामदगी के बाद इनका मेडिकल कराया जाता है, यदि नाबालिग हुई तो उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष काउंसलिंग के लिए प्रस्तुत किया जाता है। वहीं बालिग होने पर उसके मां-बाप से बात की जाती है। लड़की अगर अपने प्रेमी के साथ जाना चाहती है तो बालिग होने के कारण उसकी इच्छा के अनुसार उसे जाने दिया जाता है। हालांकि यह निर्णय काउंसलिंग के बाद ही लिया जाता है।

मिशन शक्ति के तहत पुलिस चला रही है अभियानः स्नेहा तिवारी

नोडल अधिकारी स्नेहा तिवारी ने बताया कि महिला पुलिस, मिशन शक्ति के तहत बालिका विद्यालयों में बच्चियों को जागरुक करने का प्रयास कर रही हैं। रोजाना पैदल गश्त के दौरान आवारा शोहदों पर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पार्कों बालिका विद्यालय के बाहर और चौराहों पर महिला पुलिस पैदल गश्त करती रहती है। ऐसे तत्वों को पकड़ने के बाद में उन्हें चेतावनी देते हुए उनके परिजनों तक बात को पहुंचाते हुए अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाती है।

नादान मोहब्बत की बेड़ियां हैं ये धाराएं

नाबालिग उम्र में प्यार की गलती किए तो जेल जाना तय है। जान लोजिए नादान मोहब्बत की यह दो धाराएं धारा 363 और 366 के तहत पुलिस मुकदमा दर्ज करती है और फिर धारा 376 यानि दुष्कर्म की धारा बढ़ जाती है। अगर आप बालिग हैं और लड़की नाबालिक है तो फिर पास्को एक्ट की धारा भी लगती है। इन सभी धाराओं में आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इस मामले में जेल जाने के साथ ही आपके सरकारी नौकरी का रास्ता भी बंद हो जाता है इसलिए विशेषज्ञ हमेशा कहते हैं कि सही उम्र से किसी काम को करना चाहिए, चाहे वह प्यार ही क्यों ना हो।

जानकारी के मुताबिक महज छह माह की बात की जाए तो जिले में 40 मामले इस तरह के सामने आ चुके हैं जिसमें पुलिस ने धारा 363 और 366 के तहत कार्रवाई की है। वहीं, कुछ मामले ऐसे हैं जिसमें दुष्कर्म का भी केस दर्ज किया गया है। इन मामलों में पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजती है। बरामद की गई लड़की को मेडिकल कराया जाता है और फिर दुष्कर्म की पुष्टि होने पर यह धारा बढ़ा दी जाती है। कई बार ऐसा होता है जब लड़की यह कहती है कि वह अपनी मर्जी से गई थी लेकिन कानूनन अपराध होने की वजह से लड़का का यह बयान मायने नहीं रखता है।

यह होती है शादी की उम्र

नियमानुसार, लड़कियां 18 और लड़के 21 की उम्र में अगर शादी करते हैं तो फिर इसको कानूनी आधार मिलता है, नहीं तो कानूनी कार्रवाई होती है। यानी कि मोहब्बत भी करनी है तो उम्र का ख्याल जरुर रखें, नादानी में मोहब्बत नहीं सजा मिलती है।

यह कहते हैं विशेषज्ञ

कानून के जानकार अधिवक्ता ओमशरण कुशवाहा बताते हैं कि मोबाइल के चलने के साथ ही टीवी सीरियल और फिल्म परदे की वजह से बहुत तेजी से कम उम्र में ही बच्चे प्रेम प्रसंग में पड़ जाते हैं जिस वजह से उनका पूरा करियर चौपट हो जाता है। मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है इसलिए पहले करियर पर ध्यान देना चाहिए।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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