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Jhansi News: स्मार्ट सिटी के नाम पर 930 करोड़ खर्च हुए, धरातल पर अता पता नहीं
Jhansi News: नारायण बाग पहले से ही सुंदर था परंतु इसमें इतनी भारी भरकम धनराशि कहां खर्च की गई यह बताया जाना चाहिए।
Jhansi News: महानगर में स्मार्ट सिटी द्वारा 930 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी यह धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसमें कई कार्य ऐसे भी हैं जिनका महानगर की जनता को कोई लाभ नहीं मिला। स्मार्ट सिटी ने इलेक्ट्रिक, सोलर व पानी की बचत पर जोर शोर से प्रचार किया पर इनसे कोई लाभ नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नारायण बाग के सुंदरीकरण पर 23 करोड़ की धनराशि खर्च की गई है। जबकि नारायण बाग पहले से ही सुंदर था परंतु इसमें इतनी भारी भरकम धनराशि कहां खर्च की गई यह बताया जाना चाहिए। इसी तरह पिंक टॉयलेट पर खर्च की गई 2.88 करोड़ की धनराशि खर्च की गई, जबकि ज्यादातर पिंक टॉयलेट बंद रहते हैं। यह अवैध वसूली का अड्डा बन गए हैं।
धनराशि खर्च
पर्यटकों के लिए 5.98 करोड़ रुपए की दो बसों का कहीं अता-पता नहीं है। इसी तरह 2.42 करोड़ रुपए की पांच इलेक्ट्रिक कारें कहीं दिखाई नहीं दे रहीं हैं। 1.75 करोड़ की ई-साइकिलें भी सड़कों से नदारद हैं। इसी प्रकार डोर टू डोर कचरा संग्रह वाहन पर 37.63 करोड़, डोर टू डोर कचरा संग्रह व इसके परिवहन पर 25.61 करोड़ रुपए, राजकीय संग्रहालय को अपग्रेड करने में खर्च हुए 10 करोड़, कमांड सेंटर पर 192 करोड़ , सरकारी भवन में सोलर पैनल पर 4.97 करोड़, आरओ प्लांट व वाटर एटीएम पर 2.21 करोड़ रुपए, विभिन्न स्थानों पर लगाए डिजिटल साइनबोर्ड पर 10.41 करोड़, लक्ष्मीताल में झांसी की रानी की 6.48 करोड़ रुपए, इक्यूबेशन सेंटर पार्किंग सहित पर 26.19 करोड़ की धनराशि खर्च की गई।
तालाब के पानी को प्रदूषित करने का काम
वहीं आंतिया तालाब में 9.35 करोड़ रुपए खर्च करके इसे और ज्यादा खराब कर दिया गया है। तालाब पर भारी भरकम धनराशि खर्च करने के बाद यहां बेतरतीब दुकानों का जमावड़ा, सरकारी जमीन का दुरुपयोग और तालाब के पानी को प्रदूषित करने का काम ज्यादा दिखाई दे रहा है। महापौर द्वारा कार्यकारिणी में उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे और कार्यों में 300 करोड़ के घोटाले के आरोप के बाद सबकी निगाहें स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कराए गए कार्यों पर लग गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दल अब इसको लेकर आंदोलन छेड़ने की बात कह रहे हैं।