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Jhansi News: आपके पालतू कुत्ते का नहीं है लाइसेंस तो लगेगा जुर्माना, शुरू होगी आवारा कुत्तों की धरपकड़
Jhansi News: महानगर में स्ट्रीट डॉग की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। स्थिति यह है कि गली मुहल्लों से गुजरने वाले राहगीरों को यह कुत्ते अपना निशाना बना रहे हैं।
Jhansi News: महानगर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। यह राहगीरों को काट रहे हैं। जिससे अस्पतालों में कुत्तों के काटने के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसकी रोकथाम के लिए पशु कल्याण विभाग जल्द ही अभियान चलाएगा, जिसमें आवारा कुत्तों की धरपकड़ की जाएगी। साथ ही जिन घरों में लोगों ने कुत्ते तो पाले हैं परंतु उसका निर्धारित लाइसेंस नहीं बनवाया है तो वह भी इस अभियान में निशाने पर होंगे। घरों में बिना लाइसेंस के कुत्ता मिलने पर या प्रतिबंधित प्रजाति के कुत्ते पाए जाने पर पालक पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही कुत्ते को पकड़कर उसका बधियाकरण (नसबंदी) भी की जाएगी।
महानगर में स्ट्रीट डॉग की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। स्थिति यह है कि गली मुहल्लों से गुजरने वाले राहगीरों को यह कुत्ते अपना निशाना बना रहे हैं। लगभग हर गली-मुहल्ले में दर्जनों की संख्या में आवारा कुत्तों की टोलियां घूमती नजर आ रहीं हैं। ऐसे में आम नागरिकों में भी भय व्याप्त हो गया है। वहीं, कुत्ता काटने के मरीजों का भी सरकारी अस्पतालों में तुरंत इलाज नहीं हो पा रहा है। दूर-दराज स्थित सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन की भी कमी बताई जा रही है। इन हालातों में लोगों को प्राइवेट चिकित्सक की शरण लेनी पड़ रही है। वहीं, कुत्ते के काटने से पीड़ित लोगों की संख्या निरंतर बढ़ने से अब स्ट्रीट डॉग की धरपकड़ की मांग उठ रही है।
दो से पांच हजार रूपयों का लगेगा जुर्माना
मालूम हो कि कुछ वर्ष पूर्व नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों की धरपकड़ और नसबंदी कार्यक्रम चलाया था। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया। अब एक बार फिर से कुत्तों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है। जिन लोगों ने अपने घरों में कुत्ते तो पाले हैं पर, पशु कल्याण विभाग से निर्धारित लाइसेंस नहीं बनवाया है वह तुरंत अपने पालतू पशु का लाइसेंस बनवा लें। धरपकड़ अभियान में यदि पालतू डॉग का लाइसेंस नहीं पाया जाता है तो वह भी स्ट्रीट डॉग की श्रेणी में रखा जाएगा और पालक पर दो से पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही डॉग को पकड़कर उसकी नसबंदी की जाएगी।
पशु कल्याण अधिकारी डॉ.राघवेंद्र ने बताया कि, इस स्थिति से बचने के लिए नगर निगम स्थित पशु कल्याण विभाग में देशी नस्ल के श्वान का सौ रुपए तथा विदेशी नस्ल के श्वान का दो सौ रुपए निर्धारित फीस के साथ लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। श्वानों की प्रतिबंधित नस्ल जिसमें पिटबुल सहित अन्य नस्लें हैं उनके लाइसेंस नहीं बनाए जाएंगे।