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Jhansi News: अब नहीं अटकेंगे सरकारी स्कूलों के अनुरक्षण कार्य, मिलेगी धनराशि
Jhansi News: पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों के विभिन्न कार्यों के लिए होने वाली खरीद का भुगतान यदि फेल होता है तो अगले वर्ष यह धनराशि फिर स्कूलों को भेज दी जाएगी। अभी तक यह धनराशि लैप्स हो जाती थी।
Jhansi News: अब सरकारी स्कूलों के अनुरक्षण कार्य अटकेंगे नहीं। पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों के विभिन्न कार्यों के लिए होने वाली खरीद का भुगतान यदि फेल होता है तो अगले वर्ष यह धनराशि फिर स्कूलों को भेज दी जाएगी। अभी तक यह धनराशि लैप्स हो जाती थी। तमाम शिकायतों को ध्यान में रखते हुए शासन ने व्यवस्था में बदलाव किया है।
सरकारी स्कूलों में रंगाई, पुताई, स्वच्छता, अनुरक्षण आदि कार्यों के लिए भुगतान की व्यवस्था पहले चेक से होती थी। इसके बाद शासन ने इसे पीएफएमएस पोर्टल के जरिए अनिवार्य कर दिया। इसमें प्रत्येक स्कूल को छात्रों की संख्या के आधार पर फण्ड लिमिट जारी कर दी जाती है। इन कार्यों के लिए जो भी खरीद होती है, उसके लिए प्रधानाध्यापक व विद्यालय प्रबन्ध समिति के संयुक्त खाते से पीपीए जारी किया जाता है। इसमें संबंधित वेण्डर को यह भुगतान शासन की ओर से किया जाता है।
पीएफएमएस पोर्टल पर भारी दबाव के चलते अधिकांश पीपीए फेल हो जाते हैं, जिस कारण भुगतान लंबित रह जाता है। यदि ऐसे में वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाए तो यह धनराशि लैप्स हो जाती है और कार्य अधूरे रह जाते हैं। विद्यालयों की ओर से आईं शिकायतों के बाद अब शासन ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। अब यदि पीपीए का भुगतान फेल हो जाता है तो वह धनराशि लैप्स न होकर अगले वित्तीय वर्ष में फिर संबंधित स्कूल को जारी कर दी जाएगी। ऐसे में स्कूलों के पास पर्याप्त फण्ड होगा विभिन्न कार्य कराने के लिए।
यह होता है मानक
स्कूलों को मिलने वाली धनराशि का मानक छात्रों की संख्या के आधार पर तय होता है। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 100 से कम होती है, उन्हें 25 हजार रुपये, 100-200 छात्रों वाले स्कूलों को 50 हजार व इससे अधिक होने पर एक लाख रुपये तक की फंड लिमिट दी जाती है।