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Jhansi News: अमृता शेरगिल की जयंती पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के ललित कला संस्थान में अमृत उत्सव 2025 कला प्रदर्शनी

Jhansi News: आधुनिक भारतीय कलाकार अमृता शेरगिल की जयंती के अवसर पर आज ललित कला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी ने "अमृत उत्सव 2025" कला प्रदर्शनी का आयोजन गांधी सभागार में किया।

Gaurav kushwaha
Published on: 30 Jan 2025 5:08 PM IST
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Jhansi News (IMAGE FROM SOCIAL MEDIA)

Jhansi News: आधुनिक भारतीय कलाकार अमृता शेरगिल की जयंती के अवसर पर आज ललित कला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी ने "अमृत उत्सव 2025" कला प्रदर्शनी का आयोजन गांधी सभागार में किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के पंचम सत्र के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय ने कहा कि रंगों की दुनिया बहुत ही खूबसूरत होती है। विद्यार्थियों की रचनात्मकता को देख कर सहज ही कहा जा सकता है कला का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को ज्ञान के सभी क्षेत्रों में बहुमूल्य सामग्री उपलब्ध कराई है। कला के क्षेत्र में भी यहां की कलाकारों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को देख कर कहा जा सकता है कि भविष्य में विश्वविद्यालय से अच्छे कलाकार निकलेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि अमृता शेरगिल के चित्र आधुनिक भारतीय कला के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह उनकी प्रतिभा ही थी कि उन्होंने विश्व की श्रेष्ठ कला शैलिओं और पारंपरिक भारतीय शैली के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए एक मौलिक चित्रण शैली का विकास किया। पारंपरिक के साथ आधुनिकता का मिश्रण कला को बहुत उच्चाइयों तक ले जा सकता है। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर ने कहा कि अमृता शेरगिल की कला महिला आधारित कला को बहुत ही मजबूती से प्रस्तुत करती है। कला को पुरुषों की दुनिया माना जाता रहा है लेकिन अमृता शेरगिल ने उस क्षेत्र में न केवल प्रवेश किया बल्कि अपना महत्वपूर्ण स्थान भी बनाया।

अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. मुन्ना तिवारी ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि किसी कार्य को शुरू करना आसान होता है लेकिन उसकी निरंतरता को बनाए रखना आसान नहीं होता है। ललित कला संस्थान द्वारा विगत कई वर्षों से आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की रचनात्मकता और प्रतिभा को निखारने का कार्य कर रहा है। विशिष्ट अतिथि उप कुलसचिव परीक्षा दिनेश कुमार ने कहा कि शेरगिल का भारत लौट आने का मतलब उनके मजबूत उद्देश्य और कुछ कर दिखाने की आग को अंजाम देना था। भारत लौटने के बाद उन्होंने बिना एक क्षण गँवाए अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए काम में गति दे दी।

पेरिस में रहते हुए वे शायद यूरोपीय चित्रकला और वर्तमान संस्कृति से अभी तक तीस साल पीछे थी लेकिन भारत आने पर उन्हें महसूस हुआ कि वह तीस साल आगे चली गई हैं। 1960 के बाद ही भारतीय चित्रकारों ने शेरगिल जैसी प्रतिभा, आत्मविश्वास और निश्चय के परिचय देना प्रारंभ किया।उप कुलसचिव वित्त सुनील कुमार सेन ने बताया कि कला समाज को दिशा देने में बहुत ही सहायक रही है। अमृता शेरगिल ने अपनी कला के माध्यम से न केवल समाज की बुराइयों को सबके सामने रखा बल्कि वंचितों, महिलाओं की आवाज भी बनी। कलाकार बहुत ही भावुक होता है और उसकी भावुकता को उसकी कला में देखा जा सकता है।

अमृत उत्सव 2025 की संयोजक ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने कहा कि संस्थान के पंचम सत्र के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि पंचम सत्र के विद्यार्थी प्रति वर्ष 30 जनवरी को अमृता शेरगिल की जयंती पर प्रदर्शन कला आयोजन करते हैं। इसका उद्देश्य जहां विद्यार्थियों को कार्यक्रम के आयोजन की बारीकियों को सिखाना है वहीं कलाकारों के जीवन और कार्यों से परिचित कराना है। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक डॉ. सुनीता, डॉ अजय कुमार गुप्ता, गजेंद्र सिंह, डॉ. रानी शर्मा, डॉ. अंकिता शर्मा, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. संतोष कुमार, दिलीप कुमार, शोधार्थी रेखा आर्या एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।



Ramkrishna Vajpei

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