Jhansi News: कला वीथिका : कला बेहतरीन पर कद्रदान कोई नहीं

Jhansi News: मणिकर्णिका आर्ट गैलरी और राजकीय संग्रहालय द्वारा कला वीथिका में बुंदेलखंड सहित देश के बेहतरीन कलाकारों के लगभग सौ पेंटिंग्स, चित्रों की प्रदर्शनी कला वीथिका में आयोजित की गई। कला प्रदर्शनी का शीर्षक फेस टू फेस दिया गया था।

Gaurav kushwaha
Published on: 28 May 2024 9:46 AM GMT
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कला वीथिका : कला बेहतरीन पर कद्रदान कोई नहीं (न्यूजट्रैक)

Jhansi News: बुंदेलखंड में शायद कला के कद्रदानों की कमी है या फिर कलाकार उन्हें अपनी कला की ओर आकर्षित नहीं कर सके। यही वजह रही कि देश के 46 बेहतरीन कलाकारों की लगभग सौ पेंटिंग्स का दो दिन तक प्रदर्शन किया गया परंतु किसी कद्रदान ने पेंटिंग्स की कीमत नहीं लगाई। हां, यह गनीमत रही कि दर्शकों ने कलाकारों के काम की जमकर सराहना की। मणिकर्णिका आर्ट गैलरी और राजकीय संग्रहालय द्वारा कला वीथिका में बुंदेलखंड सहित देश के बेहतरीन कलाकारों के लगभग सौ पेंटिंग्स, चित्रों की प्रदर्शनी कला वीथिका में आयोजित की गई। कला प्रदर्शनी का शीर्षक फेस टू फेस दिया गया था। इसकी वजह थी कि प्रदर्शनी में दोनों दिन कलाकार भी उपस्थित थे, ताकि प्रदर्शनी देखने आए लोग उनसे रूबरू हो सकें। उनकी कला के बारे में जानकारी ले सकें। यदि

कला पसंद आए तो उसे खरीदकर अपने ड्राइंग रूम की शोभा बना सकें। दुखद तो यह रहा की प्रदेश के दूर दराज इलाकों से आए चित्रकारों को सराहना तो मिली परंतु किसी भी पारखी की निगाह उनकी कला पर नहीं पड़ी। दुखद तो यह रहा कि मामूली से कवि सम्मेलन या कव्वाली प्रोग्राम में जहां हिस्सा लेने वाले कवियों और कव्वालों को आयोजक आने जाने ठहरने के अलावा भोजन आदि की व्यवस्था करते हैं। इसके बाद उनकी निर्धारित फीस भी अदा की जाती है। कार्यक्रम के दौरान कवियों और कव्वालों को वीआईपी जैसा सम्मान भी मिलता है। कार्यक्रम की समाप्ति पर भेंट उपहार आदि दिए जाते हैं। पर दूसरी ओर कला प्रदर्शनी में आए देश के नामचीन कलाकारों के साथ इस तरह का कुछ भी नहीं किया गया।

कलाकारों को उठाना पड़ा अपना सारा खर्च

झांसी में आयोजित इस कला प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चेन्नई, तमिलनाडु, गुजरात, आसाम, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ के कलाकार आए थे। हैरान करने वाली बात तो यह है कि सभी कलाकारों को अपने आने-जाने, ठहरने यहां तक कि भोजन आदि की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ी। प्रदर्शनी के अंत में उन्हें एक-एक स्मृति चिन्ह जरूर दे दिया गया।

कला वीथिका में सुविधाओं का टोटा

राजकीय संग्रहालय परिसर में बनाए गई कला वीथिका में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। वीथिका भवन वातानुकूलित नहीं है ऐसे में 46 से 47 डिग्री तापमान में कलाकार पसीने में तरबतर होते रहे। वीथिका में कला प्रदर्शनी के अनुरूप रोशनी की पर्याप्त ठंडे पानी की व्यवस्था भी नहीं थी। दीवारों पर लटकाए गए चित्र भी शाम के समय स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहे थे, जिसकी वजह से कलाकार का बारीक काम दिखाई ही नहीं पड़ रहा था।

गर्मी ने दर्शकों की राह में अटकाया रोड़ा

झांसी में इन दिनों नौतपा की वजह से गर्मी चरम सीमा पर है। प्रशासन द्वारा लोगों को लू से बचाव की सलाह दी जा रही है। इस मौसम में दर्शकों ने भी घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटाई। जो पहुंचे तो कला वीथिका की गर्मी से परेशान होकर बाहर निकल गए।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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