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Jhansi News: बेतवा का जलस्तर उतरते ही, बांधों से जल निकासी हुई कम
Jhansi News: खतरे के निशान तक पहुंचने पर बांधों के गेट खोल दिए गए और लाखों क्यूसेक पानी की निकासी की गई। अब वर्षा लगभग थम सी गई है। जिससे बेतवा के जलस्तर में कमी आने लगी है।
Jhansi News: विगत दो-तीन दिन से वर्षा न होने से बेतवा के जलस्तर में कमी आने लगी है। मानसून ने जून, जुलाई और अगस्त माह में तरसाया लेकिन सितंबर माह में कसर पूरी कर दी। बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से बेतवा उफान पर आ गई। जिसकी वजह से बेतवा पर बनाए गए सभी बांध लबालब हो गए। खतरे के निशान तक पहुंचने पर बांधों के गेट खोल दिए गए और लाखों क्यूसेक पानी की निकासी की गई। अब वर्षा लगभग थम सी गई है। जिससे बेतवा के जलस्तर में कमी आने लगी है।
झांसी में बेतवा का अधिकतम जलस्तर 205 मीटर है, लेकिन रविवार को बेतवा का जलस्तर 193 मीटर मापा गया जोकि खतरे के निशान से 11.050 मीटर नीचे है। बाढ़ का खतरा फिलहाल तो टल गया है लेकिन आगामी दिनों वर्षा की संभावना भी जताई जा रही है जिससे बेतवा का जलस्तर बढ़ने की आशंका भी है। बीते सप्ताह झांसी मंडल में लगातार दो दिन तक मूसलाधार बारिश हुई जिससे बेतवा का जलस्तर भी काफी बढ़ गया जिसकी वजह से बेतवा नदी पर बनाए गए राजघाट, माताटीला, पारीछा और ढुकुवा बांधों में लाखों क्यूसेक पानी की आवक होने लगी जिससे बांधों का जलस्तर बनाए रखने के लिए इन बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की गई।
राजघाट बांध का अधिकतम जलस्तर 371 मीटर है जोकि रविवार को 370 मीटर मापा गया। वहीं माताटीला बांध का अधिकतम जलस्तर 308.46 है जोकि रविवार को 308.43 मीटर मापा गया जोकि पूरी तरह से लबालब है। लेकिन अब इन बांधों से जल निकासी की मात्रा भी कम कर दी गई है। बीते दिनों दोनों बांधों से 2 से 3 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी जोकि घट गई है। रविवार को राजघाट बांध से 18716 क्यूसेक व माताटीला से 14318 क्यूसेक हो गई है। बांधों से जल निकासी को लेकर अवर अभियंता नेम सिंह ने बताया कि बेतवा के जलस्तर में कमी आने लगी है। ऐसे में बांधों में भी पानी की आवक भी कम होने लगी है। सभी बांध लबालब भरे हैं।