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Jhansi News: रक्तदान करना जीवन देने के समान है - प्रो मुकेश पाण्डेय
Jhansi News: कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश कुमार पाण्डेय ने किया। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है।
Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता भवन में 3/56 यू पी बटालियन एनसीसी, पत्रकारिता विभाग, ललित कला विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अपर कुलसचिव सुनील सेन, प्रो पूनम पुरी, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ श्वेता पांडे, अंजुल सिंह यादव, 56 यू पी बटालियन के नायब सूबेदार मोहम्मद ईशाब, हवलदार प्रदीप, बी एच एम कुलविंदर, के साथ-साथ पत्रकारिता विभाग, ललित कला विभाग एनएसएस एवं एनसीसी के छात्रों ने भी रक्तदान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश कुमार पाण्डेय ने किया। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है। विश्वविद्यालय के एनसीसी अधिकारी मेजर सुनील कुमार काबिया ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे एनसीसी कैडेट्स ने बड़ चढ़ कर रक्तदान किया है। कुल 81 कैडेट्स एवं छात्र स्टाफ ने रक्तदान किया है।
असिस्टेंट ऑफिसर डॉ. अभिजीत कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमें रक्त की कमी से जूझ रहे लोगों की हर संभव मदद करनी चाहिए। क्योंकि एक व्यक्ति के एक यूनिट रक्तदान की वजह से किसी तीन व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है, उसे जीवन दान दिया जा सकता है। जूनियर असिस्टेंट ऑफिसर डॉ शिवांजलि ने कहा कि युवा वर्ग को यह समझना होगा कि किसी भी खुशी मौके पर फिजूल खर्ची करने की बजाए रक्तदान जैसे समाजहित के कार्य करने चाहिए, जिससे अन्य लोगों का भला हो सके तथा यह सबका कर्तव्य है कि युवा वर्ग को समाजहित के कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदार बनने के लिए प्रेरित करें।
कार्यक्रम में सहभाग कर रही डॉ जया सिंह ने कहा कि रक्तदान किसी एक व्यक्ति की जान को तो बचाता ही है बल्कि साथ-साथ में कुछ व्यक्ति के जीवन से जुड़े अन्य परिवारजनों की आशाओं को भी जीवित रखता है, क्योंकि यह किसी भी रक्तदाता को पता नहीं होता कि उसके द्वारा दान किया गया रक्त कितने जरूरतमंद व्यक्ति को मिल रहा है। एनसीसी से हेमंत चंद्र ने कहा कि कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे जरुरत मंद की मदद हो सकेगी।
कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के छात्र छात्राओं एवं एनसीसी कैडेट्स के अलावा इसी के साथ शिविर में बड़ी संख्या में रक्त एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया। रक्तदान के लिए सभी को जागरुक भी किया गया। आम जन को यह समझाया गया कि एक यूनिट ब्लड से तीन जनों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान करने से शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं होती है. सभी को सामाजिक दायित्व निभाते हुए वर्ष में एक या दो बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए, जिससे किसी जरूरतमंद की जान को बचाया जा सके।
रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता कला संकाय प्रो मुन्ना तिवारी, पत्रकारिता विभाग से डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ जय सिंह, डॉ राघवेंद्र दीक्षित, डॉ अभिषेक कुमार, उमेश शुक्ल एवं गोविंद यादव, ब्रजेश परिहार,शाश्वत सिंह, हितिका यादव, सीनियर अंडर ऑफिसर अनिकेत खटीक, सार्जेंट सत्यम, अभय कुमार, विनीत पाठक, ज्योति भदौरिया, महीपत सिंह, गोविन्द सिंह यादव, अंशराज, अभय प्रताप सिंह, आकांक्षा शुक्ला, अभिलाषा चतुर्वेदी, अमन कुमार आस्था सिंह आदि उपस्थित रहे।