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Jhansi News: बसपा ने जिस जिलाध्यक्ष को पद से हटाया,अब किया पार्टी से बाहर
Jhansi News: लोकसभा चुनाव को लेकर जहां पूरे देश में चुनावी रंग दिखाई दे रहा है। वहीं झांसी में बसपा क्या करना चाहती इसको पार्टी के बचे खुचे कार्यकर्ता भी नहीं समझ पा रहे।
Jhansi News: झांसी में पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतों पर 10 दिन पहले घोषित किए प्रत्याशी को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद बसपा हाईकमान ने एक और बड़ी कार्यवाही की है। पार्टी ने जहां 18 अप्रैल को प्रत्याशी के निष्कासन के साथ साथ जिलाध्यक्ष को बदल दिया था। वहीं अब हटाए गए जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। इसके अलावा बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम अहिरवार का भी पार्टी ने कद छोटा करते हुए उनको सिर्फ चित्रकूट तक ही सीमित रखने में ही पार्टी की भलाई समझी है।
लोकसभा चुनाव को लेकर जहां पूरे देश में चुनावी रंग दिखाई दे रहा है। वहीं झांसी में बसपा क्या करना चाहती इसको पार्टी के बचे खुचे कार्यकर्ता भी नहीं समझ पा रहे। 9 अप्रैल को प्रत्याशी बनाए राकेश कुशवाहा को 10 दिन बाद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते पार्टी से पहले ही निष्कासित किया जा चुका है। सोमवार को बसपा ने झांसी मंडल में बड़ा बदलाव किया है। झांसी जनपद के जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को पार्टी ने 18 अप्रैल को पद से हटाकर सभी को चौंका दिया था। उनसे जिले की कमान छीनकर बीके गौतम को सौंप दी गई थी।और अब पूर्व जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को बसपा ने निष्कासित करते हुए पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके अलावा बसपा को अर्श से फर्श पर लाने वाले वर्ष 2009 से बुन्देलखंड की कमान संभाल रहे लालाराम अहिरवार के पर कतरते हुए बसपा सुप्रीमो ने बुन्देलखंड की कमान छीन ली है।
लालाराम अहिरवार के कार्यकाल में पार्टी लगातार प्रत्येक चुनाव में बुन्देलखंड में अपना जनाधार खोती जा रही थी। मिशनरी कार्यकर्ता भी उनसे काफी नाराज रहते थे। साथ ही आम पब्लिक भी उनसे कोई खास खुश नजर नहीं आती थी। जिसे बसपा सुप्रीमो मायावती ने गम्भीरता से लिया और लालाराम अहिरवार को बुन्देलखंड से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर अब चन्द्रदत्त गौतम, डॉ. बृजेश जाटव, जगजीवन अहिरवार और छुन्ना पाल को कमान सौंपी दी है।वहीं बुंदेलखंड प्रभारी रवि मौर्या ने बताया की हमारी पार्टी अनुशासन बाली पार्टी है। और पार्टी में लापरवाही और नैतिक गतिविधियां बर्दास्त नहीं की जाती है। और उसी के चलते पार्टी ने निर्णय लिया है।
झांसी में लगातार गिरता बसपा का ग्राफ
कभी प्रदेश की मजबूत पार्टियों में शुमार रही, बहुजन समाज पार्टी आज तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बात विधानसभा चुनाव की हो या लोकसभा की, झांसी सीट पर पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता चला गया। कभी लगभग 25 प्रतिशत वोट तक हर हाल में पहुंचने वाली बसपा अब 7 प्रतिशत वोट पर आ गई है। इसे ऐसा समझ सकते हैं कि पिछले 15 साल में पार्टी लगातार अपना जनाधार खोती गई। पार्टी को वोट देने वाले कार्यकर्ता पार्टी से छिटकते रहे और पार्टी यहां अपने 18 प्रतिशत वोट खो बैठी। पार्टी के बुरे दौर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब नामांकन को कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में अभी तक पार्टी अपना प्रत्याशी भी नहीं दे पाई है। आम लोगों व पार्टी कार्यकर्ताओं में इसको लेकर पार्टी की छवि बहुत खराब हुई है और अब पार्टी के चुनाव लड़ने के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।