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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय QS रैंकिंग में शामिल, वीसी बोले- इंटरनेशनल लेवल पर मिलेंगे अच्छे छात्र

Bundelkhand University: प्रो. मुकेश पाण्डेय कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि 'क्यू एस वर्ल्ड रैंकिंग में प्रविष्ट होने से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे छात्र मिलेंगे।'  

B.K Kushwaha
Published on: 29 Jan 2024 5:37 PM GMT (Updated on: 29 Jan 2024 5:40 PM GMT)
Bundelkhand University, jhansi news
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Bundelkhand University (Social News) 

QS World University Rankings : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (Bundelkhand University) राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान मजबूत करने में सफल हो रहा है। हाल ही में उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय मानक नैक में ए प्लस और एनआईआरएफ रैंकिंग में स्थान बनाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय क्यू एस रैंकिंग (QS World University Rankings) में भी शामिल हो गया है।

कुलपति ने जताई ख़ुशी, बोले- मिलेंगे अच्छे छात्र

प्रो. मुकेश पाण्डेय कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि 'क्यू एस वर्ल्ड रैंकिंग में प्रविष्ट होने से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे छात्र मिलेंगे। विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ने से एकेडमिक स्तर पर और सुधार होगा। देश के साथ दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों से समझौते होंगे, जिससे छात्रों को लाभ मिलेगा। साथ ही फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सचेंज के अवसर भी प्राप्त होंगे। अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग एजेंसी ने कई मानकों पर परखने के बाद वर्ल्ड रैंकिंग में प्रविष्टि दे दी है। अब क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग की सूची में दुनिया के कई बड़े विश्वविद्यालयों के साथ बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रदर्शित हो रहा है। लगभग एक वर्ष की प्रक्रिया के बाद वर्ल्ड रैंक मिल जाएगी।'

'नयी शिक्षा नीति की ड्यूल डिग्री लेने में स्टूडेंट्स को मदद मिलेगी'

प्रो. सुनील काबिया, निदेशक एआइक्यूएसी ने बताया कि, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के बाद एनआईआरएफ तथा क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में शामिल हो गया है। इससे अब दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों की सूची में जुड़ गया है। इससे विदेशी छात्र प्रवेश लेने के लिए विश्वविद्यालय के एकेडमिक स्तर की जानकारी कर सकेंगे। साथ ही, दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के साथ शोध पब्लिकेशन करने में भी मदद मिलेगी। बीते रोज क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग एजेंसी ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को प्रवेश दे दिया है। अब जब दुनिया भर के विद्यार्थी उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए अच्छे विश्वविद्यालयों को सर्च करेंगे, तो उस सूची में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय भी दिखाई देगा।

उन्होंने कहा, 'इससे दूसरे देशों के विद्यार्थियों के प्रवेश बढ़ने के साथ टॉप यूनिवर्सिटी के साथ अंतर्राष्ट्रीय समझौते, फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सचेंज भी बढ़ेगा। विश्वविद्यालय के शोधार्थी शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के साथ शोध व अनुसंधान को पब्लिकेशन करने का रास्ता और भी आसान होगा। इससे नयी शिक्षा नीति की ड्यूल डिग्री (एक देशी और एक विदेशी) लेने में छात्र- छात्राओं को मदद मिलेगी, तो भारत सरकार की कई योजनाएं दूसरे देशों के साथ चलती हैं, जिसमें अब बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय भी शामिल हो सकता है।' इस अवसर पर प्रो.एस.के. काबिया, प्रो. एस.के.कटियार, प्रो. बी.के. सिंह डॉ. यशोधरा शर्मा, डॉ. लव कुश द्विवेदी ,डॉ.अनुपम व्यास, डॉ.अतुल खरे ,अनिल बोहेरे डॉ. सुनील त्रिवेदी, , डॉ.आशीष वर्मा ,इंजी. साबिर अली, हेमंत चंद्रा, हितिका यादव आदि

ऐसे तय होती है क्यू एस रैंकिंग

स्कूली शिक्षा पास करने के बाद कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने का फैसला आसान नहीं होता है। अच्छे विश्वविद्यालय की तलाश में कई मानकों पर अपनी खोज करते हैं। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग छात्र-छात्राओं को इस सर्च में मदद करता है। वर्ष 1990 में ब्रिटिश एजेंसी की स्थापना की थी, जो आज प्रतिष्ठित एजेंसी में दुनिया के सामने आयी है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग देने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय को प्रवेश देने के बाद लगभग एक वर्ष के आकलन के बाद रैंक प्रदान की जाती है। क्यूएस प्रत्येक वर्ष टॉप यूनिवर्सिटी की सूची जारी करता है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को अलग-अलग पैरामीटर पर परखा जाता है। इसके बाद एजेंसी क्यूएस वर्ल्ड रैंक, एशिया रैंक, सस्टेनेबल बैंक के साथ विषयवार भी रैंक दी जाती है। किसी भी विवि की क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग को qs.com पर देखा जा सकता है।

ऐसे मिलती है क्यू एस रैंकिंग

क्यूएस (क्वाक्यूरेली साइमंड्स) वर्ल्ड रैंकिंग व टाइम रैंकिंग में प्रवेश पाना दुनिया के शैक्षणिक संस्थान व यूनिवर्सिटी के लिए प्रतिष्ठा की बात होती है। क्यूएस रैंकिंग अपने मानकों पर खरा उतरने पर ही किसी विश्वविद्यालय को प्रवेश देती है। इसके बाद लगभग एक वर्ष की प्रक्रिया के बाद रैंक प्रदान करती है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने इस प्रतिष्ठित एजेंसी में प्रवेश पाकर पहला कदम उठा दिया है। इसके लिए लगभग 6 माह पहले क्यूएस रैंकिंग में पंजीकरण मिला था। इसके बाद एजेंसी ने डेटा अपलोड करने की अनुमति दी। इस डेटा को स्वीकार कर एजेंसी ने दुनिया के तमाम देशों के विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर दिया है। क्यूएस रैंकिंग में प्रमुख मानक एकेडमिक रेपुटेशन होता है, जिसके लिए एजेंसी दुनिया भर के शिक्षकों व छात्रों से इनपुट लेती है।

साथ ही, फैकल्टी, शिक्षक व छात्र अनुपात, इम्प्लॉइज रेपुटेशन, इण्टरनेशनल पौयर परसेप्शन, सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट, साइटेशन (शोध व पब्लिकेशन) आदि मानकों पर विश्वविद्यालयों को परखा जाता है। इस रैंकिंग में 144 देशों के विश्वविद्यालय शामिल हैं और टॉप यूनिवर्सिटी की सूची में प्रदर्शित हो रहा है।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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