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Jhansi News: चर्चित सर्राफा कारोबारी अपहरण कांड के आरोपियों पर दोष सिद्ध, 30 सितंबर को सुनाई जाएगी सजा

Jhansi News: पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए विवेचना के दौरान और अपहरण कर्ताओं से पूछताछ की ।

Gaurav kushwaha
Published on: 27 Sept 2024 11:53 AM IST
Jhansi News: चर्चित सर्राफा कारोबारी अपहरण कांड के आरोपियों पर दोष सिद्ध, 30 सितंबर को सुनाई जाएगी सजा
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चर्चित सर्राफा कारोबारी अपहरण कांड के आरोपियों पर दोष सिद्ध   (photo: social media )

Jhansi News: चर्चित अपहरण कांड झांसी के सर्राफा कारोबारी राजू कमरिया के आरोपियों पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत ने मामले की सुनवाई की है। सुनवाई के बाद अपहरण कर्ता शातिर अपराधियों पर दोष सिद्ध कर दिया है। आरोपियों पर सजा का फैसला तीस सितंबर को सुनाया जाएगा।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देवेंद्र पांचाल एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रविशंकर दिवेदी ने बताया कि 12 जुलाई 2017 को शहर कोतवाली क्षेत्र निवासी सराफा कारोबारी राजेंद्र कुमार उर्फ राजू कमरिया उसके साथी राजू छोले का देर रात चार पहिया गाड़ी सवार बदमाशों ने बीकेडी चौराहा स्थित मिशन गेट के सामने से अपहरण कर लिया था। इस अपहरण कांड की घटना का खुलासा करने के उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी एसटीएफ सहित झांसी एसओजी और कानपुर जोन की पुलिस लगी। पुलिस टीमों ने आगरा की घटना के 13 दिन बाद राजेंद्र उर्फ राजू कमरिया और उसके साथी को बदमाशों के चंगुल से मुठभेड़ के दौरान सकुशल बरामद कर लिया था। इस प्रकरण में अभियुक्त उत्तर प्रदेश पुलिस का पूर्व सिपाही विनोद जाट, जितेंद्र कंजा और लोकेंद्र का नाम प्रकाश में आया था।

अपहरण कर्ताओं से पूछताछ

पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए विवेचना के दौरान और अपहरण कर्ताओं से पूछताछ के दौरान शहर के चर्चित 16 नाम बबली यादव,कमलेश यादव सहित अन्य लोगों को अपहरण कांड का साजिशकर्ता बताकर आरोपी बनाया था। इस प्रकरण में पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेजकर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान मुकदमा वादी और गवाहों के बयानों के बाद न्यायलय ने आज आरोपी अपहरण कर्ता जितेंद्र कंजा,पूर्व सिपाही विनोद जाट और लोकेंद्र पर आरोप सिद्ध कर दिया। बाकी अन्य 16 आरोपी बरी हो गए। आरोप सिद्ध आरोपियों पर तीस सितंबर को सजा का फैसला सुनाया जाएगा।

योगी सरकार की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला अपहरण कांड

मालूम हो कि यह अपहरण कांड प्रदेश में पहली बार बनी योगी सरकार की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला अपहरण कांड था। जिसमे अपहरण कर्ताओं ने 25 करोड़ की फिरौती की मांग की थी। 12 जुलाई 2017 को हुए इस अपहरण कांड का खुलासा एसटीएफ और झांसी एसओजी तथा आगरा की पुलिस ने 25 जुलाई 2017 को आगरा के निखिल वुड लैंड अपार्टमेंट से बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान अपहृत को सकुशल बरामद कर लिया था। उस समय टीम में यूपी एसटीएफ डीआईजी मनोज कुमार, झांसी पुलिस कप्तान जेके शुक्ला, झांसी एसओजी प्रभारी विक्रम सिंह, शहर कोतवाल अजय पाल सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे। अपहर्ण कर्ताओं में हार्ड क्रिमिनल उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व सिपाही विनोद जाट ने झांसी एसओजी प्रभारी को उसके पिता को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने पर एके 47 से गोली मारने की धमकी भी दी थी। 25 करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की गाय थी। अपहरण कांड का खुलासा होने के बाद शहर भर के व्यापारियों ने झांसी पुलिस, यूपी एसटीएफ और एसओजी का सम्मान भी किया था। वही इस अपहरण कांड की घटना का उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद प्रतिदिन मॉनिटरिंग करते थे। उनका स्पष्ट निर्देश था व्यापारियों की सकुशल घर वापसी चाहिए। योगी सरकार के निर्देशन पर पुलिस ने तेरह दिन में इस घुटना का खुलासा कर दिया था।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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