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Jhansi News: कृषि विवि ने शुरू की मशरूम की नई खेती, कीमत साढ़़े तीन लाख रुपए प्रति किलो

Jhansi News: केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ.अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मशरूम प्रयोगशाला उद्यमिता केंद्र द्वारा प्रगतिशील किसानों और कृषि से जुड़े रोजगार में रुचि रखने वालों को बाकायदा मशरूम उत्पादन की तकनीक का प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा है।

B.K Kushwaha
Published on: 9 April 2024 12:45 PM IST
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मशरूम (Pic: Social Media)

Jhansi News: केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी द्वारा मशरूम की ऐसी प्रजाति विकसित करने की दिशा में शोध किया जा रहा है जो बुंदेलखंड की गर्म आबोहवा में भी पनप कर भरपूर उत्पादन दे सके। मशरूम की इस प्रजाति से बुंदेलखंड में मशरूम से जुड़े रोजगार के अनेक अवसर बढ़ेंगे, जिसका यहां के निवासियों और व्यवसाइयों को लाभ मिलेगा।

डॉ.एस एस सिंह, निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि बुंदेलखंड में मशरूम उत्पादन और इससे जुड़े रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। यहां तापमान अधिक रहता है ऐसे में बीते वर्षों में यहां तीन-चार माह ही मशरूम का उत्पादन हो पाता था। लेकिन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इस दिशा में शोध कर रहा है जिससे बुंदेलखंड की गर्म आबोहवा में भी साल भर मशरूम उत्पादन हो सके, जिससे लोगों को अच्छा प्रोटीनयुक्त भोजन मिल सके और इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना उत्तर प्रदेश द्वारा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में मशरूम उद्यमिता प्रयोगशाला एवं प्रशिक्षण केंद्र की विभागाध्यक्ष/पादप रोग वैज्ञानिक डॉ.शुभा त्रिवेदी ने बताया कि केंद्र पर मशरूम की अन्य प्रजातियों के विकास पर कार्य किया जा रहा है। वहीं किसानों या व्यवसाइयों को मशरूम उत्पादन की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे बुंदेलखंड में मशरूम को रोजगार से जोड़कर देखा जाए। वहीं, मशरूम केंद्र के डॉ.वैभव सिंह ने बताया कि आमतौर पर लोग मशरूम की दो प्रजातियों से वाकिफ हैं, पर शोध केंद्र पर मशरूम की 15 प्रजातियां हैं।

आमतौर पर बाजार में 200 रुपये प्रति किलो की दर से बटन मशरूम और 150 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध होता है। केंद्र ने मशरूम की ऐसी प्रजाति विकसित की है, जिसकी बाजार में कीमत 3.5 लाख रुपए प्रति किलो है। स्थानीय लोग कैसे मशरूम उत्पादन करके व्यवसाय कर सकते हैं। इसका यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पांच सौ रुपये में कर सकेंगे मशरूम उत्पादन

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ.अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मशरूम प्रयोगशाला उद्यमिता केंद्र द्वारा प्रगतिशील किसानों और कृषि से जुड़े रोजगार में रुचि रखने वालों को बाकायदा मशरूम उत्पादन की तकनीक का प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा है। साथ ही मशरूम उत्पादन के लिए मशरूम के बीज, खाद और अन्य वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। केंद्र से महज पांच सौ रुपये में इन्हें लेकर मशरूम का घर पर उत्पादन किया जा सकता है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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