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Jhansi News: जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक, विजिलेंस टीम ने शुरू की जांच
Jhansi News:मंगलवार को विजिलेंस टीम ने मंडलीय रेलवे अस्पताल में अचानक छापेमारी की कार्रवाई की। इस कार्रवाई से वहां हड़कंप मचा है।
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Jhansi News: जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक फंसते नजर आ रहे हैं। इसी मामले में मुख्यालय से आई विजिलेंस टीम ने जांच शुरु कर दी। जांच से रेलवे अस्पताल में हड़कंप मच गया है। वहीं, विजिलेंस टीम का एक इंस्पेक्टर हर बार मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की जांच करने खुद आता है मगर उसे टीम के अन्य सदस्यों ने दरकिनार कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि उक्त इंस्पेक्टर भी फंसता नजर आ रहा है। इसकी गोपनीय सूचना रेलवे बोर्ड के गोपनीय मंत्रालय को दी गई है।
मालूम हो कि बी पी श्रीवास्तव औऱ डी एस पिप्पल ने उप महाप्रबंधक (सतर्कता) उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उत्तर मध्य रेलवे चिकित्सालय झांसी में प्रदीप कुमार जैन स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे हैं। उनके खिलाफ रेलवे प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मंगलवार को विजिलेंस टीम ने मंडलीय रेलवे अस्पताल में अचानक छापेमार की कार्रवाई की। इस कार्रवाई से वहां हड़कंप मचा है। विजिलेंस टीम को जैन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। एेसी संभावना है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, रेल प्रशासन ने 8 जून 2007 से मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी।
इस तरह का है कारनामा
प्रथम मार्कशीट बीएसी द्वितीय रोल नंबर 27531 डीवी कालेज उरई केंद्र की जो वर्ष 1988 में जैन द्वारा विभाग को प्रेषित की गई जिसमें प्राप्तांक कुल योग-264 है, पर इनकी अंक सूची में योह 267 कैसे?। द्वितीय अंक सूची बीए द्वितीय वर्ष जिसे 1986 में जारी किया रोल नंबर 23534 है। तृतीय अंक सूची रोल नंबर 60456 वर्ष 1988 में डीवी कालेज उरई से ही जारी प्राप्तांक 264।
इस नंबर की अंक सूची बुविवि में नहीं है
बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झांसी से उक्त अंक सूची की जांच करवाई गई तो पता चला कि जैन द्वारा वर्ष 1986 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक ही सत्र वर्ष 1988 में बीएससी द्वितीय वर्ष एक ही केंद्र डीवी कालेज उरई से परीक्षा में सम्मिलित होने के भिन्न दो अलग- अलग रोल नंबर 27531 एवं 60456 की मार्कशीट विभाग को प्रेषित की। इन रोल नंबर की मार्कशीट वहां पर नहीं है।
एक और कारनामा
जैन वर्ष 1986 से लगातार वर्ष मार्च 1989 तक ग्वालियर स्टेशन पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक झांसी के आदेशानुसार सब्सीट्यूड सिनेटरी सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत रहे हैं। अतैव ग्वालियर स्टेशन पर कार्यरत होने के दौरान भी उरई डीवीसी कालेज से पदस्थापना अवधि वर्ष 1988 एवं 89 की बीएससी परीक्षा संस्थागत रहकर कैसे अध्ययन किया। वह अपने आप में हास्यापद है।
रेलवे प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं कि प्रमाण पत्र खो चुके हैं
बताया गया है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक रेलवे प्रशासन को यह लिखकर दे चुके हैं कि इनके प्रपत्र खो चुके है। विभाग को कहते है कि मुझे मेरे द्वारा पूर्व में प्रस्तुत प्रमाण पत्रों की वर्ष एवं रोल नंबर से अवगत कराया जाए ताकि मैं दूसरी प्रमाण पत्र बनवा सकूं। चूकिं उसके प्रमाण पत्र खो चुके हैं। देखे स्वय का लिखा विभाग को दिया गया पत्र।
सीनियर डीपीओ कार्यालय में नहीं हैं सीएचआई के दस्तावेज
झांसी रेल मंडल में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी का कार्यालय है। इस कार्यालय में मंडल में तैनात रेलवे कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक का रिकॉर्ड रखा जाता है। कब किसने रेलवे ज्वाइनिगं की और कब किसको सेवानिवृत्त होना है, मगर इस कार्यालय में रेलवे अस्पताल में तैनात सीएचआई के दस्तावेज के बारे में कोई रिकार्ड नहीं हैं। यह हम नहीं, यह कार्मिक विभाग के अफसर खुद कह रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक (कार्मिक) ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को 24 जनवरी 2025 को एक पत्र भेजा है।
इस पत्र में कहा है कि सतर्कता विभाग मुख्यालय के द्वारा प्रदीप कुमार जैन पदनाम मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक अधीन सीएमएस झांसी के शैक्षिक दस्तावेजों की मांग की गई है जो कि इस कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड में अप्राप्त है जिसके लिए 27 दिसंबर 2024 को इस कार्यालय से पत्र भेजकर सूचित करवाया गया था जिसके बारे में अभी तक कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज इस कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए हैं। कृपया कर्मचारी के सभी शैक्षिक दस्तावेजों की सत्यापित प्रति को अति शीघ्र इस कार्यालय को पहुंचाने की व्यवस्था करें जिसमें सभी शैक्षिक दस्तावेज सतर्कता कार्यालय मुख्यालय को उपलब्ध करवाया जा सके
30 जून 2025 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक
रेलवे सूत्रों का कहना है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक 30 जून 2025 को रेलवे से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनके खिलाफ सालों से रेलवे प्रशासन जांच की कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक यदि चलने फिरने या यात्रा करने में असमर्थ है तो इनके पास में झांसी मंडल रेल प्रशासन द्वारा कार्ड पास क्रमांक (ज्ञात नहीं) कैसे जारी किया गया है।
मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक मंडल रेलवे चिकित्सालय झांसी में स्थित कार्यालय तक आने जाने के लिए कार का उपयोग करते हैं जो स्वयं ड्राइव करते है जिसके लिए इनके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस भी है। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक को दो बार जांच हेतु प्रयागराज सूबेदार गंज स्थित सतकर्ता विभाग में उपस्थित होने के लिए मंडल रेल चिकित्सालय से यात्रा पास एवं पत्र दिए गए हैं किन्तु उन्होंने हर बार कोई नया बहाना बनाकर जांच कार्रवाई को बाधित किया है।