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Jhansi News: मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बेसहारा बच्चों के जीवनयापन में बनी मददगार, मिल रही आर्थिक मदद

Jhansi News: झांसी मंडल के तीनों जिलों में इस योजना के तहत वर्तमान समय में 1900 लाभार्थी बच्चों और किशोरों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।

Gaurav kushwaha
Published on: 8 Sept 2024 8:54 PM IST
Chief Minister Bal Seva Yojana is helping in livelihood of helpless children, financial help is being provided
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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बेसहारा बच्चों के जीवनयापन में बनी मददगार, मिल रही आर्थिक मदद: Photo- Social Media

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी में योगी सरकार की 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) बेसहारा बच्चों के जीवन यापन में काफी मददगार साबित हो रही है। झांसी मंडल के तीनों जिलों में इस योजना के तहत वर्तमान समय में 1900 लाभार्थी बच्चों और किशोरों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। योजना के लिए पात्र बच्चों के चिन्हांकन का काम निरंतर किया जा रहा है। योजना के तहत लाभार्थी को 2500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है, जिससे वह शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत जरूरतों को पूरा कर सके।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अंतर्गत 23 साल से कम उम्र के उन लाभार्थियों की मदद की जाती है, जिनके माता-पिता अथवा दोनों में किसी एक की मृत्यु 1 मार्च 2020 के बाद कोविड के अलावा किसी अन्य कारण से हो गयी हो। इसके अतिरिक्त कई अन्य श्रेणियों के निराश्रित बच्चों को भी योजना के अंतर्गत मदद प्रदान की जाती है।

झांसी, ललितपुर और जालौन जिले के 1900 लाभार्थियों को मिल रहा योजना का लाभ

योजना के लिए परिवार की वार्षिक आमदनी तीन लाख रुपये से कम होनी चाहिए। तीन लाख रूपये की आय सीमा उन बच्चों पर लागू नहीं है, जिनके माता और पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हो। योजना का मकसद यह है कि बेसहारा बच्चों के जीवन यापन में आने वाली कठिनाई को दूर करते हुए उन्हें आर्थिक मदद प्रदान की जा सके। योजना के अंतर्गत झांसी जिले में 649, ललितपुर जिले में 968 और जालौन जिले में 283 लाभार्थियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। तीनों जिलों में 1900 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।

झांसी के मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का चिह्नांकन कर उन्हें योजना से आच्छादित किया जाता है। कोई पात्र लाभार्थी से इससे वंचित न रह जाए, इसके लिए चिह्नांकन की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।



Shashi kant gautam

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