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Jhansi News: डॉगी बिट्टू की मौत के बाद 13वीं में पूरे गांव को भोज, प्रेम की गजब कहानी

Jhansi News: लोगों को अपने पालतू जानवरों से बहुत लगाव होता है और वे उनके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ऐसा ही एक भावुक मामला झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के सुजवाहा गांव से सामने आया है।

B.K Kushwaha
Published on: 7 Oct 2024 4:31 PM IST (Updated on: 7 Oct 2024 4:37 PM IST)
Jhansi News: डॉगी बिट्टू की मौत के बाद 13वीं में पूरे गांव को भोज, प्रेम की गजब कहानी
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Jhansi News (Pic-Newstrack)

Jhansi News: झांसी में एक दंपत्ति ने संतान की कमी को पूरा करने के लिए दो कुत्तों को गोद लिया था। लेकिन दुर्भाग्यवश दो कुत्तों में से एक की मौत हो गई। पति-पत्नी अपने कुत्तों बिट्टू और पायल को अपने बच्चों की तरह मानते थे, इसलिए बिट्टू के अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक की रस्में पूरी रीति-रिवाज के साथ की गईं और शोक मनाते हुए तेरहवीं के दिन रिश्तेदारों समेत एक हजार से ज्यादा लोगों को भोज पर आमंत्रित किया गया।

धीरे-धीरे ये पालतू जानवर इंसान की जिंदगी का इतना अहम हिस्सा बन जाते हैं कि ऐसा लगता है जैसे ये भी हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं। ऐसा ही एक मामला झांसी से सामने आया है। झांसी के रक्सा के सुजवाह गांव निवासी संजीव परिहार अपनी पत्नी माला के साथ रहते हैं। शादी के कई साल बाद भी जब वे निःसंतान थे तो 13 साल पहले उन्होंने बाहर से एक नर और एक मादा कुत्ता लाकर अपने बच्चों की तरह पाला। एक का नाम उन्होंने बिट्टू और दूसरे का नाम पायल रखा। दोनों पति-पत्नी ने कुत्तों बिट्टू और पायल को अपने बच्चों की तरह पाला। मालिक संजीव परिहार ने दुखी मन से बताया कि चूंकि उनके कोई संतान नहीं थी तो उनके पालतू कुत्ते बिट्टू और पायल ही उन दोनों पति-पत्नी के लिए सबकुछ थे।

24 अक्टूबर को कुछ आवारा कुत्तों ने बिट्टू और पायल पर हमला कर दिया था। दोनों बुरी तरह घायल हो गए थे। दोनों को घायल अवस्था में उपचार के लिए झांसी लाया गया था, लेकिन उपचार के दौरान उनके लाडले बिट्टू की मौत हो गई थी। जिससे पायल समेत वह और उनकी पत्नी सदमे में हैं। बिट्टू के जाने से पायल दुखी है और पिछले पांच दिनों से उसने खाना-पीना छोड़ दिया है। बिट्टू की मौत के बाद से घर में खाना नहीं बना है। बिट्टू का पालन-पोषण बच्चों की तरह किया गया था, इसलिए उसका अंतिम संस्कार भी इंसानों की तरह किया गया और अस्थियां विसर्जित करने के लिए वे प्रयागराज भी गए थे। तेरह दिन पूरे होने पर रविवार को बिट्टू की तेरहवीं की गई। इस दौरान उन्होंने रिश्तेदारों के साथ गांव के लोगों को आमंत्रित किया था। तेरहवीं के कार्यक्रम में एक हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया और भोजन किया। संजीव परिहार ने बताया कि बिट्टू का पालन-पोषण बच्चों की तरह किया



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Ragini Sinha

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