Jhansi News : कार्यशाला में डॉ. अतुल कोठारी बोले - देश की शिक्षा को नया विकल्प देना प्राथमिकता

Jhansi News : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन अध्यक्षता करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल भाईजी कोठारी ने कहा कि न्यास का उद्देश्य शिक्षा में नया विकल्प प्रस्तुत करना है।

Gaurav kushwaha
Published on: 18 July 2024 3:25 PM GMT
Jhansi News : कार्यशाला में डॉ. अतुल कोठारी बोले - देश की शिक्षा को नया विकल्प देना प्राथमिकता
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Jhansi News : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन अध्यक्षता करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल भाईजी कोठारी ने कहा कि न्यास का उद्देश्य शिक्षा में नया विकल्प प्रस्तुत करना है। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित शिक्षा व्यक्तित्व, समाज एवं राष्ट्र विकास से प्रेरित होनी चाहिए। भारत, संस्कृति, साहित्य, दर्शन, विज्ञान के साथ हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है। भारतीय ऋषि मुनि द्वारा किए गए प्रयोगीक अनुभवों ने सनातन संस्कृति को गौरवशाली भारतीय ज्ञान परंपरा प्रदान की है। उन्होंने देशभर के 30 प्रांतो से आए 82 प्रतिभागियों को शिक्षा संस्कृत उत्थान न्यास के लक्ष्य,कार्य पद्धति एवं कार्यशाली के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

उन्होंने कहा कि न्यास के शोध प्रकल्प द्वारा किया गया यह आयोजन निश्चित ही ऐसे शोधार्थियों और शिक्षाविदों को तैयार करेगा जो भारतीय भाषाओं में भारत और विश्व की अनेकों समस्याओं पर सकारात्मक शोध कर उनका परिमार्जन करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यास वर्ष के अंत पर चार ज्ञान कुंभ का आयोजन देश के चारों कोनों में करेगा। साथी फरवरी 2025 में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होगा। उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को शुभकामना दी।


विकसित और आत्मनिर्भर भारत का गुणात्मक निर्माण

समापन सत्र में शोध प्रकल्प के राष्ट्रीय संयोजक प्रो तिमिर त्रिपाठी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की विकसित रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस दौरान शोध की भारतीय दृष्टि, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का गुणात्मक निर्माण, शोध नवाचार और भारतीयता, एवं राष्ट्र की आवश्यकता के संबंध में शोध विषय पर डॉ राजेश्वर सिंह, संजय स्वामी आशीष दवे, एवं गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये। समापन समारोह के मुख्य वक्ता प्रो शांतनु भट्टाचार्य, पूर्व आचार्य आईआईटी कानपुर ने अशोक चक्र एवं स्वास्तिक चक्र के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर विचार रखे। मुख्य अतिथि प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि निश्चित ही कार्यशाला से आने वाले समय में गुणात्मक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति पर ज्ञान और अभिमान दोनों की आवश्यकता है।

यह लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार राष्ट्रीय कार्यशाला संयोजक प्रोफेसर अवनीश कुमार ने किया। अतिथियों द्वारा समापन समारोह पर सभी प्रतिभागियों, संचालन समिति सदस्यों, एवं स्वयंसेवकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर देश पर से लगभग आए 80 प्रतिभागियों के साथ डा बिंदु सिंह, डा संजय स्वामी, सुमित गुप्ता, श्री राम चौथाई, डा आशिष दवे, प्रो आलोक कुमार, डॉ धर्मेंद्र बादल, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ ललित गुप्ता, डॉ अनु सिंघला, डॉ अंजलि सक्सेना, डॉ संतोष पाण्डेय, डॉ अनुपम व्यास, डॉ अनिल केवट, डा धर्मदास उपस्थित रहे।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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