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Jhansi News: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों का शैक्षणिक भ्रमण, कृषि शिक्षा की ओर प्रेरणा का एक कदम

Jhansi Latest News: भ्रमण के दौरान छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की उन्नत कृषि तकनीकों और शोध गतिविधियों का अनुभव किया।

Gaurav kushwaha
Published on: 11 Jan 2025 2:28 PM IST
Rani Lakshmibai Central Agricultural University in Jhansi
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 Rani Lakshmibai Central Agricultural University in Jhansi 

Jhansi News in Hindi: झांसी।आज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, झांसी विपुल शिव सागर के नेतृत्व में एबीएसए बड़ागांव और मऊरानीपुर ब्लॉक के 25 शिक्षकों और पीएमश्री विद्यालयों के 180 छात्रों ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी का शैक्षणिक भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की उन्नत कृषि तकनीकों और शोध गतिविधियों का अनुभव किया।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आर. के. सिंह ने छात्रों और शिक्षकों को वर्मीकंपोस्ट खाद के उत्पादन की विधि, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, और विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न फसलों के शोध प्रोजेक्ट्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने 14-16 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाले कृषि मेले के महत्व पर भी चर्चा की।निदेशक शिक्षा, डॉ. अनिल कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों, आधुनिक कृषि तकनीकों, और शिक्षा के माध्यम से कृषि में उज्ज्वल करियर बनाने के अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि कृषि शिक्षा न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक उन्नति का भी साधन है।


डॉ. संजीव कुमार ने पॉलीहाउस के अंदर संरक्षित खेती की तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसमें फूलगोभी और टमाटर की वर्टीकल खेती शामिल थी। उन्होंने बताया कि यह तकनीकें कम जगह में अधिक उत्पादन के लिए फायदेमंद हैं।डॉ. शैलेंद्र कुमार ने छात्रों को विश्वविद्यालय के नर्सरी, फल बागान, औषधीय पौधों, सब्जियों की खेती और फसलों जैसे गेहूं, चना, और मटर के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया। उन्होंने छात्रों को खेती के वैज्ञानिक तरीकों और उनके फायदों से अवगत कराया।भ्रमण के दौरान छात्रों ने स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फूट की खेती को देखकर विशेष रुचि दिखाई। इन फसलों की खेती के तरीके और उनकी देखभाल के बारे में जानकारी प्राप्त कर छात्र बेहद उत्साहित नजर आए। छात्रों ने वर्मीकंपोस्ट खाद बनाने की विधि को बड़े ध्यान से सीखा और इसे अपने घरों में अपनाने की इच्छा व्यक्त की।यह शैक्षणिक भ्रमण छात्रों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव साबित हुआ। छात्रों ने न केवल कृषि तकनीकों को समझा, बल्कि कृषि शिक्षा और अनुसंधान के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ी। विश्वविद्यालय का यह प्रयास क्षेत्रीय स्कूली छात्रों को कृषि के प्रति जागरूक करने और भविष्य में कृषि क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।



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