TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Jhansi News: बंद पड़े हैं झांसी के विद्युत शवदाह गृह, 12 श्मशान घाटों पर करोड़ों रुपए लगाकर नगर निगम ने किया किनारा

Jhansi News: नगर निगम सभी के संचालित होने की बात कहता है परंतु स्थानीय पार्षदों या नागरिकों का कहना है कि विद्युत शवदाह गृह संचालित ही नहीं हैं।

Gaurav kushwaha
Published on: 18 Aug 2024 11:01 AM IST
Jhansi News
X

विद्युत शवदाह गृह (Pic: Social Media)

Jhansi News: महानगर में श्मशानघाटों का निर्माण, जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के साथ विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण करने के बाद नगर निगम ने इनकी ओर से किनारा कर लिया है। अब यह विद्युत शवदाह गृह बंद पड़े हैं। ऐसे में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद इनको उपयोग में न लाने से पार्षदों में रोष व्याप्त है। पार्षदों ने शीघ्र ही विद्युत शवदाह गृह संचालित कराने की मांग की है।

मालूम हो कि नगर निगम ने महानगर के श्मशान घाटों का सुंदरीकरण कराने के बाद इनके संचालन व रख रखाव की जिम्मेदारी स्थानीय संस्थाओं व नागरिकों की समितियां को सौंप दिया है। यह समितियां श्मशान घाट का रख रखाव तो करतीं हैं, परंतु यहां कोई टूट फूट होने पर उसकी मरम्मत कराने या नए निर्माण की मांग को लेकर नगर निगम का मुंह ताकना पड़ता है। वहीं, करोड़ों रुपए खर्च करके बनाए गए विद्युत शवदाह गृह संचालित ही नहीं हो सके हैं। हालांकि नगर निगम सभी के संचालित होने की बात कहता है परंतु स्थानीय पार्षदों या नागरिकों का कहना है कि विद्युत शवदाह गृह संचालित ही नहीं हैं।

पूर्व में झांसी महानगर के श्मशान घाटों की दशा बहुत खराब थी। चूंकि श्मशान घाट शहर या आबादी से दूर हुआ करते थे। ऐसे में यहां सुविधाएं न के बराबर थीं। शेड पक्के नहीं थे। चाहरदवारी भी नहीं थीं। शेड के नाम पर टिन की चादरें होती थीं। ऐसे में अंतिम संस्कार करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। गर्मी के दिनों में तेज धूप में अंतिम संस्कार करने आए लोगों को धूप से बचने के लिए शेड भी नहीं थे। पेयजल की भी समस्या होती थी। बरसात के दिनों में समस्याएं बहुत बढ़ जाती थीं। हां, समाजसेवी संस्थाएं जरूर श्मशान घाटों में वाटर कूलर, टिन की शेड व कूलर की व्यवस्था कर देतीं थीं। पर सरकारी संस्थाएं इनकी दशा सुधारने में पीछे ही रहती थीं।

करीब आठ-दस वर्ष पूर्व श्मशान घाटों के रख रखाव और यहां शेड आदि के निर्माण के लिए प्रदेश शासन की ओर से कोई निधि नहीं थी। ऐसे में झांसी की तत्कालीन मेयर किरन वर्मा राजू बुकसेलर ने अपने विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए महानगर के बारह श्मशान घाटों का न केवल जीर्णोद्धार बल्कि यहां सुंदरीकरण का कार्य भी कराया। साथ ही झांसी में पहली बार उन्नाव गेट श्मशान घाट में विद्युत शवदाह भी बनवाया। इसके बाद महानगर के श्मशान घाटों में विद्युत शवदाह गृह बनाने का सिलसिला चालू हो गया। करोड़ों रुपए खर्च करके हर श्मशान घाट में लोहे की चादरें के बड़े-बड़े ढांचे खड़े कर दिए गए, मशीनें भी आईं। इसके बाद कहीं बिजली कनेक्शन तो कहीं ट्रांसफार्मर तो कहीं कोई समस्या रही। ऐसे में विद्युत शवदाह गृह जस के तस खड़े हैं। नगर निगम के अनुसार झांसी के सूती मिल, सीपरी बाजार, उन्नाव गेट बाहर, बड़ागांव गेट बाहर श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह संचालित किया जा रहा है।

झांसी के श्मशान घाट

प्रेम नगर, गरिया गांव, पुलिया न.नौ, हंसारी, राजगढ, बिजौली, मैरी, कोछाभावर, उन्नाव गेट, सीपरी नंदनपुरा, बडागाव गेट बाहर, श्याम चौपड़ा,शिवाजी नगर।



\
Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story