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Jhansi News: पैसों के विवाद में व्यापारियों के बीच मारपीट, जमकर हंगामा
Jhansi news: दो माह में उन्होंने फल मंडी व्यापारी को करीब तीन लाख रुपये के फल दिए, लेकिन व्यापारी अब पैसे देने से इंकार कर रहा है। बुधवार को भी उन्होंने पैसे मांगे, लेकिन आरोपियों ने पैसे नहीं दिए।
Jhansi News: तीन लाख के लेनदेन को लेकर व्यापारियों में मारपीट हो गई। मारपीट के बाद व्यापारी मंडी थाने पहुंचे। पुलिस ने किसी तरह व्यापारियों को समझाकर शांत किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डबरा निवासी उमेश छिबैया फल व्यापारी हैं। उनका कहना है कि पिछले दो माह में उन्होंने फल मंडी व्यापारी को करीब तीन लाख रुपये के फल दिए, लेकिन व्यापारी अब पैसे देने से इंकार कर रहा है। बुधवार को भी उन्होंने पैसे मांगे, लेकिन आरोपियों ने पैसे नहीं दिए। शुक्रवार सुबह जब वह फल व्यापारी के पास पहुंचे तो आरोपियों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। आरोपी फल व्यापारी के परिजन भी वहां पहुंच गए। इन लोगों ने उमेश को घेर लिया और उसके साथ मारपीट की। थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह के मुताबिक फल व्यापारी ने तहरीर दी है। उनके मुताबिक जांच की जा रही है।
कुख्यात अपराधी यशपाल मेरी और उसके बेटे को सजा
झांसी। अपर जिला जज शक्तिपुत्र तोमर की अदालत ने जानलेवा हमले का दोष सिद्ध होने पर कुख्यात अपराधी यशपाल मेरी और उसके बेटे संजय उर्फ सीटू को दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि 31 दिसंबर 2018 को हसारी निवासी रोहित पुत्र कमल सिंह ने प्रेमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह बल्लमपुर रोड पर जा रहा था। तभी रास्ते में कुख्यात अपराधी यशपाल यादव उर्फ यशपाल मैरी व उसके बेटे संजय उर्फ सीटू ने उसे रोककर लाठी-डंडों से हमला कर घायल कर दिया और जान से मारने की नीयत से तमंचे से गोली मार दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया। आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई व गवाहों व अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आज यश यादव उर्फ यशपाल मैरी व उसके बेटे संजय उर्फ सीटू पर लगे आरोप सिद्ध होने पर उन्हें दस-दस साल के कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनाया गया, जब आरोपी यशपाल हमीरपुर की जेल में बंद था। मालूम हो कि एक समय ऐसा था, जब यशपाल मैरी के नाम से पूरा इलाका कांपता था। वर्ष 2007 में नारायण बाग तिराहा के पास हुए चौहरे हत्याकांड में उसकी अहम भूमिका थी।