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Jhansi News: जलाशयों के ठेकों से सरकार को मिल रहा करोड़ों का राजस्व

Jhansi News: झांसी मंडल में जलस्रोतों से वर्ष 2025-25 में 62008 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है जोकि लगभग 6 करोड़ 20 लाख किलोग्राम बनता है।

Gaurav kushwaha
Published on: 8 Jan 2025 6:38 PM IST
Jhansi  News ( फोटो - सोशल मीडिया से साभार )
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Jhansi News ( फोटो - सोशल मीडिया से साभार )

Jhansi News: बुंदेलखंड में वैसे तो अधिकांश लोग शाकाहारी हैं जोकि मछली नहीं खाते हैं इसके बाद भी झांसी मंडल में इस वर्ष लगभग दो अरब रुपए का मछली का कारोबार हुआ है। झांसी मंडल के जलाशयों, तालाबों और नदियों से वर्तमान वित्तीय वर्ष में 62008 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है। वहीं मछली आखेट के ठेका नीलामी से सरकार को भी करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिला।बुंदेलखंड की नदियां जिनमें प्रमुख रूप से बेतवा, यमुना, केन, चंबल, पहूज सहित अन्य सहायक नदियां हैं। वहीं बांध व तालाब भी बड़ी संख्या में हैं जिनमें मछली पालन व मत्स्य आखेट करके मछुआरा समुदाय अपनी जीविका चलाता है। क्या आपको मालूम है कि झांसी मंडल में जलस्रोतों से वर्ष 2025-25 में 62008 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है जोकि लगभग 6 करोड़ 20 लाख किलोग्राम बनता है। मछली की थोक रेट पर कीमत औसतन 100 रुपए प्रति किलोग्राम है। वहीं फुटकर बाजार में यह 200 रुपए से 250 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेची जा रही है। अब यदि मछली के पूरे कारोबार की गणना करें तो यह दो अरब रुपए से ज्यादा बनता है।

उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड की मछली की कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर यहां तक कि कोलकाता तक बहुत डिमांड है। झांसी के जलस्रोतों में कतला, रोहू, नैन, सिल्वर कार्प सहित मछली की अन्य प्रजातियां होती हैं। चूंकि बेतवा, पहूज सहित बुंदेलखंड की नदियों का पानी मीठा है इसलिए यहां प्रचुर मात्रा में मछली उत्पादन होता है।

मत्स्य पालन के लिए कई योजनाएं

उप निदेशक, मत्स्य, झांसी मंडल मछुआरों के लिए शासन की कई कल्याणकारी योजनाएं हैं मत्स्य विभाग के उप निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि झांसी मंडल में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मछुआरों के लिए शासन की अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं, जिनका मछुआरों व मत्स्य समितियों को लाभ पहुंच रहा है। साथ ही मछुआ समाज का जीवन स्तर भी बढ़ रहा है। झांसी मंडल में मत्स्य पालन व आखेट के अलावा मछली बीज उत्पादन( हैचरी) का काम भी अच्छे स्तर पर हो रहा है। मत्स्य पालक मछली का बीज उत्पादन करके खासी आय अर्जित कर रहे हैं।

कई विभाग जुड़े मछली उत्पादन से बुंदेलखंड में मछली पालन से मत्स्य विभाग के अलावा मत्स्य निगम, मत्स्य फेडरेशन, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग के अलावा जिला पंचायत, नगर पालिकाएं, नगर पंचायत व नगर निगम भी सीधा ताल्लुक रखते हैं।



Shalini singh

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