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Jhansi News: मछली पालन में जितना लाभ उससे ज्यादा जोखिम

Jhansi News: सरकार तालाब बनाने व मत्स्य पालन को दे रही 8 लाख रुपए। लेकिन लाभकारी योजना के बाद भी लोग झिझक रहे लाभ लेने से।

Gaurav kushwaha
Published on: 13 Jun 2024 10:27 AM IST
fish farming scheme
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fish farming scheme  (photo: social media )

Jhansi News: मछली पालन में जितना ज्यादा लाभ है उससे कहीं ज्यादा जोखिम भी है। लोग तालाब से मछली चोरी कर लेते हैं। बैंक से तालाब की मछली का बीमा नहीं किया जाता है। प्राकृतिक आपदा या किसी की दुर्भावना में की गई हरकत से एक झटके में पूरे तालाब की मछलियां मर सकती हैं। मछली की सुरक्षा के लिए मछली पालक को तालाब के पास रात भर जागकर पहरा देना पड़ता है।

मछली के व्यवसाय से जुड़े लोग इसे बहुत लाभकारी व्यापार मानते हैं। इसकी वजह है कि बाजार में मछली की अच्छी कीमत मिल जाती है। एक ही सीजन में एक एकड़ तालाब के मालिक को लाखों के वारे न्यारे हो जाते हैं। मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन की योजना के जरिए लोगों को रोजगार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत मछली पालकों को 8 लाख रुपये तक की योजना में 40 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है। वहीं एससी /एसटी व महिला मछली पालकों को 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। बावजूद इसके लोग साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह है कि इस कार्य में मेहनत और जोखिम बहुत ज्यादा है।

दरअसल, सरकार द्वारा किसानों की अतिरिक्त आय बढ़ाने के लिए मत्स्य विभाग के माध्यम से मछली पालन की योजना लाई गई है। इसमें किसान या मछली पालक को अपने खेत में पांच फीट गहरा एक एकड़ का तालाब बनाना पड़ता है। जिसके लिए विभाग से समय-समय पर तीन किश्तों में पैसा दिया जाता है। तालाब बनने के साथ ही मछली पालक को बोरिंग कराने, पंप लगाने सहित अन्य चीजों के लिए पैसा दिया जाता है। वहीं मछली के बीज के लिए भी सरकारी दरों पर बीज उपलब्ध कराए जाते हैं।

गर्मियों में होता है बहुत नुकसान

लक्ष्मी ताल मत्स्यजीवी सहकारी समिति के सचिव किशोरी लाल रायकवार का कहना है कि सरकार की यह योजना बहुत लाभकारी है। इसमें अनुदान भी है। परंतु मछली पालकों के समक्ष जोखिम बहुत हैं। बुंदेलखंड में गर्मियों में जब तापमान 47-48 डिग्री तक पहुंच जाता है तो गर्मी की वजह से अक्सर तालाब की मछलियां मर जाती है। ऐसे में मछली पालक को बहुत नुकसान होता है। वहीं रात के समय मछली चोरी की घटनाएं बहुत ज्यादा होती है ऐसे में मछली पालक को बहुत ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है।

अब तक आए 15 आवेदन

चुनाव आचार संहिता की वजह से इस योजना पर काम नहीं हो सका। अब आचार संहिता समाप्त हो गई है। विभाग के पास मछली पालन की योजना के तहत 15 आवेदन आए हैं। शीघ्र ही इन्हें नियमानुसार योजना का लाभ दिया जाएगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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