Jhansi News: पत्रकारिता विभाग में रेडियो स्क्रिप्ट कार्यशाला में आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक ने छात्रों से किया संवाद

Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक एवं वर्तमान में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो संजय द्विवेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में सफलता के लिए भाषा पर पकड़ सबसे महत्वपूर्ण है।

B.K Kushwaha
Published on: 16 Feb 2024 12:40 PM GMT
Former Director General of IIMC interacted with the students in the Radio Script Workshop in the Journalism Department
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पत्रकारिता विभाग में रेडियो स्क्रिप्ट कार्यशाला में आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक ने छात्रों से किया संवाद: Photo- Newstrack

Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक एवं वर्तमान में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो संजय द्विवेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में सफलता के लिए भाषा पर पकड़ सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए लिखना, पढ़ना, सुनना इस त्रि-सूत्रीय अभ्यास को निरंतर करके महारत हासिल की जा सकती है। प्रो संजय द्विवेदी पत्रकारिता संस्थान एवं इंस्टीट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रेडियो स्क्रिप्ट राइटिंग कार्यशाला में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।

डिजिटल सत्याग्रह के साथ भाषाई कौशल में श्रेष्ठता हासिल करें छात्र- प्रो संजय द्विवेदी

उन्होंने कहा कि हर माध्यम की अलग भाषा होती है। यहां भाषा से तात्पर्य भाषा के प्रस्तुतीकरण से है। भारत विश्व में ऐसा देश है जहां हर व्यक्ति एक से अधिक भाषा से अवगत है। मीडिया में डिजिटल की व्यापकता ने स्थानीय भाषा में भी कंटेंट आधारित अनेक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। एक युवा पत्रकार के लिए मात्र सूचना का संप्रेषण आवश्यक नहीं है बल्कि संप्रेषण के साथ ही उसमें वैल्यू एडिशन करने की जरूरत है। वैल्यू एडिशन के लिए किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञ प्राप्त करनी होगी।


उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि एक कथा वाचक अपने भाषायी कौशल, वर्तमान प्रसंगों और श्रोता अनुरूप व्यवहार से अपनी अलग पहचान बना लेता है। पत्रकारिता के छात्र को संचारक बनने की आवश्यकता है। आज लगभग सभी कंपनियों में कंटेंट राइटर, इवेंट मैनेजर, ट्रांसलेटर, कॉपीराइटर विजुलाइजर, ग्राफिक डिजाइनर जैसे अनेक संचार आधारित विशेषज्ञों की आवश्यकता है। छात्रों को अपने पाठ्यक्रमों के साथ ही अधिक से अधिक प्रायोगिक कार्य करने चाहिए। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इतनी संपन्न मीडिया लैब का उपयोग अगर छात्र विवेक पूर्ण रूप से करें तो मीडिया के क्षेत्र में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की अलग पहचान बन सकती है।


छात्रों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने उनके अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके पूर्व कला संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना त्रिपाठी ने पुष्प गुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन कार्यशाला संयोजक डॉ कौशल त्रिपाठी ने एवं आभार उमेश शुक्ला ने दिया। इस अवसर पर समन्वयक डॉ जय सिंह, डॉ उमेश कुमार, डॉ राघवेंद्र दीक्षित, डॉ अभिषेक कुमार,अतीत विजय, गोविंद यादव, शिशुपाल सिंह, शशांक, शाश्वत, विजया, अकांक्षा के साथ पत्रकारिता विभाग के स्नातक एवं परास्नातक के छात्र उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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