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Jhansi News: जीपीएस प्रणाली विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
Jhansi News: झाँसी में वनाधिकार में जीपीएस प्रणाली एवं अन्य आधुनिक तकनीक का कैसे उपयोग किया जाता है। इस विषय पर वनाधिकारियों ने चार दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया।
Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में वनाधिकार में जीपीएस प्रणाली एवं अन्य आधुनिक तकनीक का कैसे उपयोग किया जाता है। इस विषय पर वनाधिकारियों ने चार दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसमें बुंदेलखण्ड क्षेत्र के सात जिलों से वनाधिकारियों ने भाग लिया। कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र देते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से आपने जो भी सीखा है उसका निरंतर अभ्यास करते रहें।
यह प्रशिक्षण वन क्षेत्रों के लिए लाभकारी साबित होगा। जीपीएस क्षेत्र में आधुनिक, डाटा प्रसंस्करण, रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट की नवीन तकनीक की उपयोगिता वन संपदा एवं प्रबंधन में यह नई तकनीक लाभकारी है। विवि प्रक्षेत्र में 150 से अधिक किस्मों के वृक्ष लगे हैं। इसमें विद्यार्थी एवं प्रशिक्षणार्थी प्रयोगात्मक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जमीन की सुरक्षा वन विभाग की मूल जिम्मेदारी है
विशिष्ट अतिथि मुख्य वन संरक्षक बुंदेलखण्ड क्षेत्र केके सिंह आईएफएस को कुलपति ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्य वन संरक्षक केके सिंह ने कहा कि जमीन की सुरक्षा वन विभाग की मूल जिम्मेदारी है। इस प्रशिक्षण से निश्चित ही वनाधिकारियों को ज्ञात हो गया होगा कि वनविभाग की जमीनों की सुरक्षा जीपीएस प्रणाली व आधुनिक तकनीकों से कैसे कर सकते हैं। निगरानी हमारी घटती है तब हमें जानकारी होती है कि वनों की जमीन कम हो गई है। उन्होंने विवि को धन्यवाद देते हुए कहा कि वन विभाग को आगे बढ़ाने के लिए यह प्रशिक्षण देकर विभाग का सहयोग किया है।
आज ही भारत सरकार के वन अधिकारी परीक्षा आईएफएस में 150 नए चयनित अधिकारी हुए हैं। यह हर्ष का विषय है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि वर्तमान में जो नई तकनीक आ रही हैं। वह सब हमको सीखने की आवश्यकता है। आने वाले वर्षों में पर्यावरण ही प्रमुख होगा। सबको स्वच्छ हवा चाहिए वह वनों में है वन सुरक्षित होगा तो जल सुरक्षित होगा यह दोनों सुरक्षित होंगे तो जीवन सुरक्षित होगा। इन सबके लिए सबको आगे आना पड़ेगा। केके सिंह ने उपस्थित वानिकी के विद्यार्थियों को आईएफएस बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षणार्थियों ने अपने - अपने अनुभव सांझा किए
अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डाॅ. मनीष श्रीवास्तव ने चार दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को किन किन विषयों पर प्रशिक्षित किया गया इनकी जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय वन संपदा में जीपीएस प्रणाली कैसे उपयोग कर सकते हैं। इस तकनीक की अपार संभावनाएं हैं वन कार्यों में। प्लांट लगाने के लिए भी नई तकनीक आई है इसमें कम समय में कम खर्चे में प्लांट लगाए जा सकते हैं। कार्यकारी अधिष्ठाता मात्स्यिकी डॉ एमजे डोबरियाल ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि वनों को सुरक्षित करने में जीपीएस प्रणाली की मदद मिलेगी। डॉ पवन कुमार ने अतिथियों को प्रशिक्षण डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई।संचालन डाॅ. प्रभात तिवारी ने तथा डाॅ. आरपी यादव ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।