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Jhansi News: NCRES महामंत्री को भारी पड़ी बेटे को अपनी कुर्सी दिलाने की मुहिम, भड़के कार्यकर्ताओं ने शुरू की नारेबाजी
Jhansi News: एनसीआरईएस अब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने जा रही हैं। महामंत्री को अपने ही बेटा को एनसीआरईएस का महामंत्री बनवाना हैं। इसका एनसीआरईएस के तीनों मंडलों के लोगों ने कड़ा विरोध किया है।
Jhansi News: एनसीआरईएस अब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने जा रही हैं। महामंत्री को अपने ही बेटा को एनसीआरईएस का महामंत्री बनवाना हैं। इसका एनसीआरईएस के तीनों मंडलों के लोगों ने कड़ा विरोध किया है। यही कारण है कि मेहनत करने वाले नेताओं को संगठन से बाहर कर दिया है। चापलूसी और भ्रष्टाचार व अय्याशी में जुड़े लोगों को पदाधिकारी बनाया जा रहा है। वहीं,एनसीआरईएस से जुड़े जमीनी कार्यकर्ताओं ने महामंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी है। कार्यकर्ताओं ने बेटा और आर पी सिंह को महामंत्री पद से हटवाने की मांग उठने लगी हैं। बताया जा रहा है कि एक या दो दिनों में तीनों मंडलों में रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में आर पी सिंह को हटाने के लिए पोस्टर चस्पा किए जाएंगे। इसकी भनक रेलवे के खुफिया विभाग को पता चल गई है। खुफिया विभाग ने उक्त संगठन पर नजर रखना शुरु कर दी है।
एनएफआईआर के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और एनसीआरईएस के महामंत्री ने एनसीआरईएस को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया है। बेरोजगार पुत्र को एनसीआरईएस का कार्यकारी महामंत्री बनाकर कर्मचारियों के चंदे से वेतन दिया जा रहा है। यही नहीं, रेलवे की सारी सुविधा सीयूजी सिम, मेडिकल सुविधा, प्रथम श्रेणी क्लास एसी का कार्ड पास व कार्यालय आदि दिलवा दिया है। यही नहीं, अब एनसीआर में एनसीआरईएस को चुनाव में बढ़ोत्तरी मिली तो महामंत्री ने दिमाग ही बदल दिया। अब वह अपने बेटा को एनसीआरईएस का महामंत्री बनाने की जुगाड़ में है इसलिए एनसीआर के तीनों मंडलों में बदलाव करने के लिए मुख्यालय में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अस्सी प्रतिशत लोगों ने बेटा को महामंत्री बनाने के मामले में आपत्ति दर्ज की थी। इसी बात को लेकर आर पी सिंह की संगठन के नेताओं से कहासुनी भी हुई है। अब वह पूरी तरह से अपने बेटा को एनसीआरईएस की कमान सौंपने के मूड में हैं। हालांकि अस्सी प्रतिशत लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि आर पी सिंह जमीनी कार्यकर्ता थे इसलिए वह लोग संगठन से जुड़े थे मगर इस बार मतदान प्रतिशत के बाद ही आर पी सिंह पूरी तरह से बदल गए हैं। वह एनसीआरईएस को प्राइवेट कंपनी बनाने चाहते हैं। उनका कहना है कि संगठन में चापलूसी, भ्रष्टाचार व अय्याशी से जुड़े नेताओं को तवोज्जो दी जा रही हैं। इसी बात को लेकर संगठन के नेताओं में नाराजगी जताई है। इस प्रकार के लोगों को संगठन से जोड़ा जाएगा तो वह लोग संगठन छु़ड़ाकर चले जाएंगे।
उधर, झांसी रेल मंडल में एनसीआरईएस में हुए बदलाव को लेकर आपत्ति दर्ज की है। इसके लिए लोग अब संगठन छोड़ने का प्लान बना रहे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों को पदभार दिया गया है उनका रिकॉर्ड सही नहीं है। उनका कहना है कि एनसीआरईएस में कई लोग एेसे है जो काफी पुराने हैं मगर उनको दरकिनार किया गया है। इसके लिए अब आर पी सिंह हटाओ मुहिम शुरु करने जा रहे हैं।