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Jhansi News: ये है हर घर जल योजना की अधूरी तस्वीर, पानी की आपूर्ति ना होने से ग्रामीण परेशान

Jhansi News: गाँव के निवासी अवधबिहारी चतुर्वेदी बताते हैं कि नल से पानी की अनियमित आपूर्ति के कारण ग्रामीणों को पूरे दिन नल के पास इंतजार करना पड़ता है।

Gaurav kushwaha
Published on: 2 Nov 2024 4:36 PM IST
Every home water scheme is incomplete, water supply Villagers are upset due to its absence
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हर घर जल योजना अधूरी, पानी की आपूर्ति ना होने से ग्रामीण परेशान: Photo- Newstrack

Jhansi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का “हर घर नल से जल” का सपना, जिसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, झांसी जिले की जमीन पर हकीकत से दूर दिखता है। हालांकि झांसी जिला जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 5 वें स्थान पर बना हुआ है, और करीब 99.98 प्रतिशत परिवारों तक नल से जल पहुँचने का दावा किया गया है, परंतु जमीनी स्थिति इस दावे को झुठलाती प्रतीत होती है।

जिले से 70 किलोमीटर दूर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे पडरा गाँव में जल जीवन मिशन का प्रभाव अब तक ग्रामीणों के जीवन में नहीं दिखाई दे रहा है। यह गाँव जिले के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में आता है, जहाँ जल संकट पहले से ही गंभीर समस्या है। जबकि सरकारी दस्तावेजों में इस गाँव को शत-प्रतिशत पेयजल कनेक्शन हेतु प्रमाणित किया गया है, वास्तविकता में आधे से अधिक परिवार अब भी जलापूर्ति से वंचित हैं।

नल से पानी की अनियमित आपूर्ति से ग्रामीण परेशान

गाँव के निवासी अवधबिहारी चतुर्वेदी बताते हैं कि नल से पानी की अनियमित आपूर्ति के कारण ग्रामीणों को पूरे दिन नल के पास इंतजार करना पड़ता है। वितरण हेतु दो वॉल्व लगाए गए थे, लेकिन मरम्मत के दौरान गाँव के भीतरी वॉल्व बंद कर दिए गए, जिससे अब गांव के बाहरी वॉल्व से पानी छोड़ा जाता है। इससे 200 परिवारों तक पानी पहुँच ही नहीं पाता।

गाँव में रहने वाली रामवती कहती हैं जब पाइपलाइन लग रही थी, तो लगा कि हमारे पेयजल संकट का समाधान हो जाएगा। पर अब तो लगता है कि हमें पाइपलाइन से पानी मिलना मुश्किल है। इसी कारण आज भी हमें और बच्चों को आधा किलोमीटर दूर से पानी लाना पडता है।”

गाँव के किसान महेश रैकवार ने बताया कि पानी वितरण का समय ग्रामीणों की दैनिक गतिविधियों से मेल नहीं खाता। ज्यादातर लोग सुबह 10 बजे के बाद खेतों में चले जाते हैं, लेकिन पानी का वितरण 11 बजे के बाद अनियमित समय पर किया जाता है, जिससे ग्रामीण इसका लाभ नहीं उठा पाते।

प्रशासनिक स्तर लापरवाही का आरोप

यह हालत जल जीवन मिशन के उस वादे को तोड़ते हैं जो महिलाओं और बच्चों को पानी भरने के बोझ से मुक्त करने का था, स्वास्थ्य में सुधार का था और हर घर में नल से पानी देने का था। जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को तभी मिलेगा जब प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता दिखाई जाएगी। स्थानीय स्तर पर वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जायेगा।



Shashi kant gautam

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