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Indian Railway: ट्रेन या रेलवे परिसर में गुटखा खाकर थूकने या शराब पी तो लगेगा जुर्माना, सफर से पहले जानिए जरूरी नियम

Provisions Of Railway Act 1989: रेल यात्रियों को ट्रेन में सफर करने से पहले कई नियमों की जानकारी होनी चाहिए। भूलवश भी नियमों की धज्जियां उड़ाई तो उनके खिलाफ रेलवे जुर्माना लगा सकता है। जेल की सजा तक का प्रावधान है।

B.K Kushwaha
Published on: 1 Dec 2023 6:08 PM IST
Provisions Of Railway Act 1989
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Jhansi News: रेलवे परिसर या ट्रेन के भीतर किसी भी तरह का नशा करना बहुत भारी पड़ सकता है। ऐसा करने पर जुर्माने के साथ-साथ जेल तक की हवा खाना पड़ सकती है। नशे के अलावा किसी यात्री से अभद्रता, गाली-गलौज करने जैसे मामले में भी यही नियम लागू होते हैं। भारतीय रेलवे ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए 1989 के रेलवे एक्ट (Provisions Of Railway Act 1989) को लागू कर रखा है। जिसके तहत तरह-तरह के अपराध और उस पर दंड के प्रावधान लिखे हुए हैं।

नशा करने पर इन प्रावधानों के तहत होती है सजा

बताते चलें कि, रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 145 ट्रेन या फिर रेलवे परिसर में नशीले पदार्थों का सेवन करने पर अपराध और दंड देने का प्रावधान लागू करती है, अगर नशा करके कोई व्यक्ति ट्रेन के अंदर उपद्रव करता है। अश्लील भाषा का प्रयोग करता है, किसी यात्री को परेशान करता है तो उसे धारा 145 के तहत दंड दिया जाता है। ऐसे व्यक्ति को 500 रुपये जुर्माना और छह महीने तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। रेलवे कोर्ट गंभीर मामलों में जुर्माना की राशि बढ़ा भी सकती है। कार्रवाई के दौरान कोई रेलसेवक या रेलवे सुरक्षा बल रेल यात्रा से वंचित करके संबंधित व्यक्ति की टिकट भी जब्त कर लेगा।

धूम्रपान से निपटने के लिए धारा- 167

चलती ट्रेन में धूम्रपान करने से आग लगने की संभावना भी रहती है। वहीं यदि आग लग जाए तो लाखों के नुकसान के साथ-साथ समय की बर्बादी और ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो जाता है। रेल अधिनियम की धारा 167 धूम्रपान जैसे मामलों से निपटने के लिए बनाई गई है। इसके तहत ट्रेन के अंदर धूम्रपान करना भी दंडनीय अपराध है। धूम्रपान के गंभीर मामलों में जेल तक की सजा हो सकती है।

गुटखा खाकर थूकने पर लगता है जुर्माना

ट्रेन के अंदर या रेलवे परिसर में गुटखाना खाना और थूकना दोनों ही प्रतिबंधित है। एेसे मामलों में भारतीय रेलवे संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाता है। यह जुर्माना की राशि अलग- अलग भी है। बड़े और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर जुर्माने की राशि पांच गुना तक बढ़ाई गई है। इसका मकसद यह है कि लोग गुटखा खाकर इधर उधर न थूंके, विगत सालों से बढ़ रही सख्ती का ही नतीजा है कि रेलवे की यात्रा में बहुत कम लोग गुटखा खाते हुए दिखते हैं।

भारतीय ट्रेन में कौन सी गलतियों पर लगता हैं जुर्माना

भूलकर भी ट्रेन के अंदर या रेलवे परिसर में धूम्रपान न करें और न ही ड्रिंक करें। अगर आप ध्रूमपान करते हुए पकड़े जाते हैं तो आप पर नियमों के तहत कार्रवाई हो सकती है। जुर्माना लग सकता है या तीन साल की जेल हो सकती हैं। या फिर ये दोनों हो सकते हैं। वहीं, नियमों के तहत ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ जैसे पटाखे, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, गैस सिलेंडर आदि नहीं ले जा सकते हैं। एेसा करते हुए पाए जाते हैं तो उचित कार्रवाई हो सकती है क्योंकि यह एक दंडनीय अपराध है। रेल अधिनियम, 1989 की धारा 164 के तहत एक हजार रुपये जुर्माना, तीन साल की जेल या फिर ये दोनों भी हो सकते हैं। उधर, ट्रेन में तेज आवाज में बात नहीं कर सकते हैं और न ही स्पीकर में गाना सुन सकते हैं। एेसा करते हैं तो आपका चालान कट सकता है। तेज आवाज में बात करने पर दफा 145 के तहत कार्रवाई हो सकती है और जीआरपी चालान काट सकती है। वहीं, ट्रेन में यात्रा करने के लिए टिकट लेना सभी लोगों के लिए जरुरी है। अगर आप बिना टिकट यात्रा करते हुए पाए जाते हैं, तो आपके ऊपर डबल टिकट के अलावा अलग से जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इनका कहना है

उत्तर मध्य रेलवे झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि, 'रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विवेकानंद नारायण के निर्देश में वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर घूम्रपान करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के बीते सप्ताह 27 लोगों को वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन की आरपीएफ टीम ने दबोच लिया। कुछ लोगों ने जुर्माना अदा कर दिया। जबकि तीन या चार लोगों को जेल भेजा गया।' उनका कहना है कि यात्रियों की जानमाल को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अभियान चलाया जा रहा है। यात्री चिन्हित लोगों की शिकायत जरुर करें। उन्होंने कहा कि गाड़ियों में आपत्तिजनक सामग्री ले जाना रेलवे एक्ट की धारा 164 और 165 की तहत दंडनीय है।



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aman

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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