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Jhansi News: मात्र एक ट्रैक्टर से चल रहा जल संस्थान, पूरे शहर को टैंकर से पानी की सप्लाई का दावा
Jhansi News: विभाग की मानें तो उसके पास 32 टैंकर हैं पर इन टैंकरों को खींचकर पानी सप्लाई वाले क्षेत्र तक ले जाने के लिए विभाग के पास मात्र एक ट्रैक्टर है। ऐसे में टैक्टर किराए पर या ठेके पर लेने पड़ते हैं।
Jhansi News: महानगर को टैंकर से पानी की सप्लाई करने वाले विभाग जल संस्थान के पास टैंकर खींचने के लिए अपना खुद का मात्र एक ट्रैक्टर है। ऐसे में पूरे महानगर को टैंकर से पानी की पर्याप्त सप्लाई का दावा किया जा रहा है। लेकिन यह दावा भी पूरी तरह से 'ठेकेदारों के भरोसे है। जल संस्थान में ऊंचे ओहदों पर भले ही अधिकारी आसीन हों पर विभाग का पूरा कामकाज ठेकेदार ही चला रहे हैं। वर्तमान में महानगर के पानी की कमी वाले वार्डो में पानी की सप्लाई टैंकरों से की जा रही है। टैंकरों के लगभग 1000 चक्कर लगाए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन, जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा और पानी की डिमांड भी बढ़ेगी। वैसे-वैसे पानी के टैंकर के चक्कर भी बढ़ा दिए जाएंगे, लेकिन यह जिम्मेदारी भी ठेकेदारों की होगी।
दरअसल, जल संस्थान के पास संसाधनों की कमी बताई जा रही है। विभाग की मानें तो उसके पास 32 टैंकर हैं पर इन टैंकरों को खींचकर पानी सप्लाई वाले क्षेत्र तक ले जाने के लिए विभाग के पास मात्र एक ट्रैक्टर है। ऐसे में टैक्टर किराए पर या ठेके पर लेने पड़ते हैं। बात यहां तक तो ठीक थी पर जल संस्थान के फिलिंग प्वाइंट पर लगे पंप संचालित करने के लिए भी पंप ऑपरेटर न होने से यह काम भी बाहर के लोगों यानि ठेकेदार से कराना पड़ता है।
तीन लाख से अधिक लोगों के समक्ष पानी का संकट महानगर में पानी की कमी वाले 26 वार्डो की जनसंख्या तीन लाख 39 हजार है। इनमें करगुवां जी, पिछोर, गुमनावारा, महाराणा प्रताप नगर, वकील कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी, वीरांगना नगर, मयूर विहार कॉलोनी, सराय मोहल्ला, सिल्बर्टगंज, डडियापुरा, मद्रासी कॉलोनी, सत्यम कॉलोनी, भगवंतपुरा, कोछाभांवर, सिमरधा, गरियागांव, पाल कॉलोनी, सिद्धेश्वर नगर, अलीगोल, मेवातीपुरा, बाहर उन्नाव गेट, सीपरी बाजार क्षेत्र में मसीहा गंज हैं। टैंकर से इन्ही क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई की जा रही है।
पानी भी जल निगम से ले रहे
महानगर को पानी की सप्लाई करने वाले जल संस्थान को भी जल निगम से पानी मिलता है। जल निगम बबीना फिल्टर प्लांट से शोधित पानी जल संस्थान को देता है। इस संबंध में दोनों विभागों के बीच करार भी हुआ था। यह बात दीगर है कि पानी का भुगतान सरकारी स्तर पर किया जाता है। पानी की डिमांड और आपूर्ति की जा रही पानी की मात्रा को लेकर दोनों विभागों में अक्सर तकरार भी होती है। 40 लाख लीटर पानी की सप्लाई जल संस्थान द्वारा अब रोजाना टैंकर के 1000 चक्कर लगाकर पानी की सप्लाई करने की बात कही जा रही है। एक टैंकर में 4000 लीटर पानी आता है, ऐसे में रोजाना 40 लाख लीटर पानी की सप्लाई हो रही है। पूरे सीजन टैंकर से पानी सप्लाई में लगभग 3 से 4 करोड़ रुपए व्यय होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।