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Jhansi Medical College Fire : झांसी मेडिकल कालेज में भीषण आग की वजह आई सामने, क्या कह रहे अफसर?
Jhansi Medical College Fire : झांसी मेडिकल कालेज में देर रात हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत के मामले में आग लगने की मुख्य वजह से शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है।
Jhansi Medical College Fire : झांसी मेडिकल कालेज में देर रात हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत के मामले में आग लगने की मुख्य वजह से शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। यह प्राथमिक जानकारी देर रात जिलाधिकारी ने मीडिया को दी। हालांकि इस अग्निकांड की असली वजह जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आएगी।
जिलाधिकारी ने इसके अलावा ट्वीट करके एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कहा है कि मेडिकल कॉलेज झांसी में हुए हादसे के संबंध में अपने परिजनों के संबंध में आवश्यक जानकारी के लिए कृपया 9454417618 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने देर रात मीडिया को बताया है कि मौके पर मौजूद स्टाफ़ से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के अनुसार, आग संभवतः रात 10:30 बजे से 10:45 बजे के बीच संभवत: शॉर्ट सर्किट की वजह से एनआईसीयू के अंदर की यूनिट में लगी। यहां नवजात बच्चों को क्रिटिकल केयर सपोर्ट के लिए रखा जाता है।
डीएम का यह भी कहना है कि 10 बच्चों की मौत की सूचना मिली है। उनका कहना है कि समय पर टीम पहुंच गई थी और कई बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है। कमिश्नर और डीआईजी की निगरानी में जांच समिति बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।
हालांकि झांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन मोहर का कहना है कि आग लगने की घटना ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से हुई है। सचिन मोहर के मुताबिक एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और जब अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगी तो उसे बुझाने की कोशिशें शुरू हुईं लेकिन कमरा हाइली ऑक्सीजिनेटेड होने के कारण आग तुरंत फैल गई। ऐसे में बच्चों को बाहर निकालने के लिए तेजी से प्रयास शुरू हुए और ज़्यादातर बच्चों को सकुशल बाहर निकाला लिया गया।
चश्मदीदों और बच्चों के तमाम तीमारदारों का कहना है कि तमाम लोग ऐसे हैं जिनके बच्चे नहीं मिल रहे हैं। उनके बच्चों की क्या स्थिति है कोई बताने वाला भी नहीं है। आग लगने के समय तमाम लोग बाहर थे। आपको बता दें कि एनआईसीयू वार्ड में एक बच्चे के साथ एक तीमारदार के रहने की अनुमति होती है। ऐसे में तमाम लोग ऐसे थे जो पानी लेने या दूध लेने बाहर निकले हुए थे।