TRENDING TAGS :
Jhansi Medical college Fire: भारी आग के बीच कहां गायब हो गए छह नवजात, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
परिजनों के सवाल का जवाब देने में अस्पताल, 10 बच्चों की जलने सी हुई मौत, बच्चों की पहचान के लिए होगा DNA टेस्ट
Jhansi Medical college Fire: झांसी के मेडिकल कॉलेज में भयावह घटना को हुए 12 घंटे से अधिक हो चुके हैं लेकिन घटना के दौरान गायब हुए बच्चों की जानकारी देने में अभी भी अस्पताल प्रशासन नाकाम साबित हुआ है। लापता हुए बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अभी तक उन्हें अधिकारियों के तरफ से गुमशुदा हुए हमारे बच्चों के बारे में कोई भी ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।
मेडिकल कॉलेज ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसी बीच गुमशुदा बच्चों की पूछताछ के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है। 9454417618 हेल्पलाइन नंबर लापता हुए बच्चों के लिए जारी किया गया है।
10 नवजात बच्चों की हुई मौत
15 नवंबर की रात झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में भयंकर आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इस दौरान वार्ड में 49 बच्चे थे और 39 बच्चों को सकुशल बचा लिया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा शॉर्ट सर्किट लगने की वजह से हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही तुरंत फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
तीन कमेटियां कर रही हैं जांच
इस मामले में तीन कमेटियां गठित कर पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल होंगे। दूसरी जांच स्तर पर प्रशासन कराएगा। तीसरी मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीआईजी और कमिश्नर से पूरी घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में अलग से मांगी है, ताकि आगे के कदम उठाए जा सके। इस संबंध में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि तथ्यात्मक रुप से सामने लाया जाएगा। किन कारणों से और कैसे घटना हुई, किसकी लापरवाही रही। यह सारी बातें सामने लाई जाएंगी।
प्रारंभिक जांच शुरु, 24 घंटे में आएगी रिपोर्ट
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि घटना की प्रारंभिक जांच शुरु कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाएगी। उसके बाद मजिस्ट्रियल रिपोर्ट आएगी। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी, उस पर कार्रवाई करेंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
नहीं चला अग्निशमन यंत्र
आग लगते ही एक वॉर्ड ब्यॉय ने अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विश्वर) को खोलकर चलाया, लेकिन वह नहीं चला था। इस पर स्टाफ औऱ परिजन तुरंग आग पर काबू पाने के प्रयास के साथ वहां भर्ती बच्चों को बचाने में जुट गए थे।
बच्चों की शिनाख्त के लिए होगा डीएनए टेस्ट
जिन बच्चों की शिनाख्त नहीं हो सकेगी, उनके डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे। कुछ परिजनों से संपर्क हो रहा है। इनके मोबाइल फोन बंद हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर उनके घर भेजकर बच्चों के बारे में जानकारी की जा रही है। वहीं, मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जिन बच्चों को आग से बाहर निकाला गया है। वह सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। वह आग से नहीं झुलसे, बल्कि किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।