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Jhansi: मुक्ति धाम को जारी टैक्स नोटिस निगम ने किया कैंसिल, जिम्मेदार कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई...हो रहा था भारी विरोध
Jhansi News: झांसी नगर निगम ने उन्नाव गेट स्थित श्मशान घाट को 90 हजार रुपए के गृहकर का बकायेदार बताते हुए वसूली का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया। जिसके बाद नगर निगम को कदम वापस खींचना पड़ा।
Jhansi News: झांसी नगर निगम क्षेत्र में मुक्तिधाम से गृहकर वसूली के लिए जारी नोटिस को निरस्त कर दिया गया है। मीडिया में आई खबरों के बाद हड़कंप मच गया था। नगर निगम के अफसरों ने इसे लिपिकीय त्रुटि बताते हुए नोटिस को निरस्त कर दिया है।
नगर निगम (Jhansi Municipal council) के अफसरों के अनुसार, 'जीआईएस सर्वे के दौरान टीम ने भवन के रूप में मुक्तिधाम को सूची में दर्ज करते हुए टैक्स लगा दिया था। विभागीय स्थलीय सत्यापन के बाद नोटिस जारी होना चाहिए था, मगर लिपिकीय त्रुटि से डिमांड नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
क्या कहता है नियम?
नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा-177 के अनुसार ऐसे भवन और जमीन जिस पर मृतकों के शवों का निस्तारण होता हो, को गृह कर से छूट प्रदान की गयी है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने कर विभाग के समस्त स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि, धारा-177 के अन्तर्गत करमुक्त भवनों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की डिमांड नोटिस जारी न की जाये।
क्या कहा अफसरों ने?
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के मुताबिक, 'जीआईएस सर्वे (GIS survey) के दौरान प्रस्तुत की जाने वाली प्रस्तावित कर सूची में सूक्ष्मता से जांच की जाएगी। करमुक्त भवनों को अलग करने के बाद सूची के सापेक्ष डिमांड नोटिस या बिल जारी करने की कार्यवाही की जायेगी। इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।'
कर्मचारियों की गलती, निगम बना हंसी का पात्र
इससे पहले, झांसी नगर निगम द्वारा शमशान घाट पर टैक्स वसूली के लिए दिए गए अनोखे नोटिस ने स्मार्ट सिटी की जनता की नजरों में निगम को हंसी का पात्र बना दिया था। बकाया शुल्क न चुकाए जाने पर कुर्क कार्यवाही कर पैसे वसूले जाने की बात भी कही गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य (Pradeep Jain Aditya) ने स्थानीय लोगों के साथ इस मुद्दे पर आंदोलन का ऐलान कर दिया था।
नोटिस में बताया 90 हजार का बकाया
झांसी नगर निगम ने उन्नाव गेट स्थित श्मशान घाट को 90 हजार रुपए के गृहकर का बकायेदार बताते हुए वसूली का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेताओं और स्थानीय लोगों ने आंदोलन की शुरुआत कर दी थी, जिसके बाद नगर निगम को कदम वापस खींचना पड़ा।