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Jhansi News: नगर निगम की लापरवाही का अंजाम, गुलाम गौस खां पार्क का बिगड़ता हुआ हाल

Jhansi News: पार्क के समीप रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां रात के समय जुआरी और शराबियों का जमघट लगना शुरू हो जाता है। जुए की फड़े लगती हैं। चूंकि पूरे पार्क में चाहरदीवारही नहीं है ऐसे में रात होते-होते यहां लोग खुले में शौच करने का मौका नहीं छोड़ते हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 28 March 2024 11:03 AM IST
Jhansi News
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 गुलाम गौस खां पार्क source: Newstrack

Jhansi News: कहते हैं कि घूरे के भी दिन बदलते हैं। यही सोचकर अलीगोल खंती जहां पूरे शहर का कचरा डंप किया जाता था। उस स्थान पर नगर निगम ने भव्य पार्क निर्माण करवाने का निर्णय लिया था। और उसका नाम दिया गुलाम गौस खां पार्क। लेकिन 17 वर्ष बीत गए मगर इस घूरे के दिन नहीं बदल सके। लाखों, करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यहां न तो हरियाली दिखाई दी और न ही खुशनुमा वातावरण मुहैया कराया जा सका जिसकी लोगों को दरकार थी।

हरियाली और फूलों के नाम पर इस पार्क में बेतहाशा गंदगी,कचरे के ढेर, अधूरे पड़े फव्वारे, पानी की टंकी, उखड़े पड़े बोर के पाइप, टूटे पड़े ट्री-गार्ड यहाँ तो दूर तक ढूंढने पर हरियाली का नामो निशान तक नहीं दिखाई देता।

वास्तविकता से कोसों दूर

पार्क की कल्पना करते ही मस्तिष्क में ऐसे हरे-भरे स्थान की तस्वीर उभरती है। जैसे किलकारी भरते बच्चे, ठहाके लगाते युवा और योगा करते बुजुर्ग दिखाई देते हैं। लेकिन झांसी के उन्नाव गेट पर 12 एकड़ भूमि पर बनाया गया गुलाम गौस खां पार्क किसी कचराघर से कम नहीं लगता है। यहां हरी-भरी घास, फूलों की क्यारियां, घने हरे भरे पेड़ देखने को आंखें तरस जाएंगी। चारों तरफ उजाड़ पड़ी जमीन, पूरे परिसर में कचरा, पालीथिन, मल दिखाई देता है। ऐसे में यहां बच्चों की किलकारियों की उम्मीद करना बेमानी सा है। यहां की तस्वीर इतनी भयावह है कि इस स्थान पर लोग सैर सपाटा करने नहीं आते। पार्क के समीप रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां रात के समय जुआरी और शराबियों का जमघट लगना शुरू हो जाता है। जुए की फड़े लगती हैं। चूंकि पूरे पार्क में चाहरदीवारही नहीं है ऐसे में रात होते-होते यहां लोग खुले में शौच करने का मौका नहीं छोड़ते हैं। खुले में शौच के प्रमाण सूरज निकलने के बाद यहां स्पष्ट देखे जा सकते हैं।

सुधारनी होगी पार्क की दशा: अखलाक

इस क्षेत्र के पूर्व पार्षद अखलाक मकरानी का कहना है कि तत्कालीन नगर पालिका बोर्ड में उनकी पैरवी और प्रस्तावों पर यहां पार्क बनाने की मंजूरी मिली। उनके प्रयास से इस पार्क का नामकरण हुआ। इसके बाद से वह लगातार यहां तमाम विकास कार्य करवाए। अब बदहाल हो चुके इस पार्क को देखकर पूर्व पार्षद पहुत दु:खी हैं। उनका कहना है कि पार्क की दशा सुधारने के लिए उन्होंने समय-समय पर अनेक बार नगर निगम प्रशासन और सदन की बैठक में मांग की परंतु पार्क की दशा नहीं सुधरेगी।

यहां जो काम प्रारंभ कराए गए थे। उनमें से अधिकांश अधूरे पड़े हैं। पार्क की बाउंड्री भी पूरी नहीं की गई। जब तक नगर निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देगा तब तक पार्क के हालात सुधरना संभव नहीं है। मुझे गुलाम गौस खां पार्क की स्थिति की जानकारी मिली है। मैंने इसका निरीक्षण किया है। कुछ कार्य अधूरे हैं। पैसे मिलने के बाद समस्या दूर होगी।



Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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