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Jhansi News: अब एलएचबी कोच फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली से होंगे लैस, जीएम ने डीआरएम से मांगी रिपोर्ट

Jhansi News: जीएम ने झाँसी, आगरा और प्रयागराज के मंडल रेल प्रबंधकों से ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही चार माह में एलएलबी कोच को फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली (एफडीएसएस)से लैस करने का निर्देश दिया है।

B.K Kushwaha
Published on: 27 Aug 2023 8:28 PM IST
Jhansi News: अब एलएचबी कोच फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली से होंगे लैस, जीएम ने डीआरएम से मांगी  रिपोर्ट
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(Pic: Newstrack)

Jhansi News: उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सतीश कुमार के निर्देशन पर सुरक्षा संरक्षा को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा शुरु हो गई है। जीएम ने झाँसी, आगरा और प्रयागराज के मंडल रेल प्रबंधकों से ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही चार माह में एलएलबी कोच को फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली (एफडीएसएस)से लैस करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि मदुरई घटना में पता चला है कि कोच में एफडीएसएस नहीं था जिसके कारण आग फैलने से रोका नहीं जा सका और हादसा हो गया। अब इस तरह की घटना एनसीआर की किसी ट्रेन में न हो इसके लिए युद्ध स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

सितंबर में होगी संरक्षा बैठक

उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज, झाँसी और आगरा के तीनों डीआरएम की सितंबर माह में संरक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक में तीनों डीआरएम अपनी फाइनल रिपोर्ट भी सबमिट करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोच में आग जैसी घटनाओं से बचाव के पुख्ता इंतजाम हों। बताते हैं कि एनसीआर अपनी ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में एफडीएसएस के रुप में अत्याधुनिक प्रणाली को लगा रहा है।

कैसा करेगा कार्य

कंट्रोल पैनल के पास 50 मीटर का एक नाइट्रोजन सिलेंडर होगा। जिसका प्रेशर 150-200 किग्रा प्रति सेमी स्क्वायर होगा। इसकी एक पाइप 80 लीटर के दो पानी के सिलेंडर से जुड़ी होगी। अंदर स्मोक व हीट सेंसर होंगे। स्मोक को शक कर अलग अलर्ट जाएगा। जबकि एक एलएचडी (लीनियर हीट डिडेक्टर) तार कोच में होगा। यह 90 डिग्री तापमान पहुंचते ही डैमेज होगा और सिग्नल कंट्रोल पैनल के पास जाएगा। इससे एफडीएसएस एक्टीवेट हो जाएगा। 30 सेकंड के अंदर नाइट्रोजन पाइप से पानी के टैंक में जाएगा और स्प्रे की तरह बहुत छोटी बूंदें बनकर हाईप्रेशर के साथ बौछार शुरु कर देगा। कोच में पाइप से जुड़े सभी नोजुल खुल जाएंगे और बौछार से आग को पूरी तरह से ढक लेगा।

एनसीआर की 44 ट्रेन हो चुकी है लैस

उत्तर मध्य रेलवे की प्रयागराज में 22, झाँसी मंडल की 14 और आगरा मंडल की आठ जोड़ी ट्रेनें एफडीएसएस से लैस हो चुकी है।

जंक्शन पर ट्रेनों की हुई जांच, खोजे गए सिलेंडर

मदुरई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन हादसे के बाद वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी जंक्शन पर ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ और सिलेंडर आदि खोजे जाते रहे। हालांकि इस तरह की कोई भी सामग्री नहीं मिली है। रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर स्टेशन पोस्ट प्रभारी निरीक्षक रविन्द्र कुमार कौशिक के निर्देश पर उपनिरीक्षक हरिओम सिकरवार ने अपनी टीम के साथ स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों में चेकिंग अभियान चलाया। संदिग्ध दिखने वाले यात्रियों व उनके सामान की जांच भी हुई। आईआरसीटीसी का किचन, ट्रेनों में पैंट्रीकार को भी देखा गया। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी रविन्द्र कुमार कौशिक ने बताया कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

प्राइवेट पार्टी ने गैर कानूनी तरीके से सिलेंडर कैरी किया था

रेलवे के सूत्रों का कहना है कि मदुरई ट्रेन दुर्घटना में पता चला है कि प्राइवेट पार्टी ने गैर कानूनी तरीके से सिलेंडर कैरी किया था। ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं है। एेसे में कोई भी यात्री जब ट्रेन से यात्रा करता है तो उससे डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर भी करवाए जाते हैं। हादसे का शिकार हुई प्राइवेट पार्टी ने भी एेसे ही डिक्लेरेशन पर साइन किए थे। इसके बावजूद उन्होंने सिलेंडर कैरी किया।

भरना पड़ सकता है जुर्माना

सेक्शन 164 और 165 में गैर कानूनी तरीके से आपत्तिजनक सामान को रेलवे के अंदर लाने पर बताया जाता है कि ये एक अपराध है और एेसा करने पर किसी को तीन साल की जेल और 500 से एक हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर उनके सामान से किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उन्हें उसकी भरपाई भी करनी होगी। रेलवे मैन्युअल के पैरा 9 में किसी भी टूरिस्ट पार्टी को डिक्लेरेशन पर साइन करने होते हैं कि वो अपने साथ किसी भी तरह का ज्वलनशील प्रोडक्ट नहीं ले जाएंगे। हाल में ही में हुई आगजनी में भी प्राइवेट पार्टी ने इस तरह के डिक्लेरेशन पर साइन किए थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने साथ ज्वलनशील पदार्थ कैरी किए।

लोगों को बनना होगा जिम्मेदार

मदुरै ट्रेन हादसे की जांच में सामने आया कि यात्रियों द्वारा ले जाए गए सिलेंडर की वजह से ब्लास्ट हुआ है। इस छोटी सी गलती का खमियाजा कई जिंदगियों पर भारी पड़ गया है। एेसे में पैसेंजर्स को भी ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ या बैन चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आपकी छोटी सी गलती कई लोगों के जान पर भारी पड़ जाती है।

ट्रेनों में चलाया जा रहा हैं सघन जांच अभियान

उत्तर मध्य रेलवे झाँसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर हुई घटना के मद्देनजर झाँसी रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में सघन जांच अभियान शुरु कर दिया है। इसके लिए टीमों का गठन किया गया। हर रेलवे स्टेशन पर टीम ट्रेनों में जांच कर रही है।



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