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Jhansi News: सीएम योगी भी नहीं पूरा कर पाए हवाई वादा, दो सांसदों ने नहीं ली सुध

Jhansi News: प्रदीप के बाद 2014 में उमा भारती और 2019 में अनुराग शर्मा सांसद बने। मजे की बात तो यह रही कि दोनों सांसदों के कार्यकाल में झांसी को हवाई अड्डे की सौगात नहीं मिल सकी।

B.K Kushwaha
Published on: 31 March 2024 5:35 AM GMT
Jhansi News
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सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Jhansi News: झांसी में हवाई अड्डा और यहां से देश के विभिन्न नगरों के लिए उड़ान भरने का सपना जितना यहां की जनता के लिए रोमांचकारी है तो उससे कहीं अधिक राजनेताओं के लिए लुभावना चुनावी वायदा रहा है। करीब तीन दशकों से झांसी वासी हवाई अड्डे का इंतजार कर रहे हैं। प्रदीप जैन ने 2009 में झांसी में हवाई अड्डा बनाने के वायदे को प्रमुखता दी थी। उसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तो झांसी में हवाई अड्डे की घोषणा भी कर चुके हैं। उसके बाद से लोग हवाई अड्डे की बाट जोह रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि प्रदीप के बाद उमा भारती और निवर्तमान सांसद अनुराग शर्मा भी हवाई अड्डे को लेकर झांसी वासियों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। वह भी उस सूरत में जब केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है।

हर बार हवाई अड्डे की भूमि के सर्वे ने जगाई उम्मीद

झांसी में हवाई अड्डे की मांग लम्बे समय से चली आ रही है। इसकी वजह है कि झांसी के समीप ग्वालियर और यहां तक कि छतरपुर को हवाई सेवा से जोड़ दिया गया था। झांसी अब तक इस सुविधा से महरूम रहा था। हवाई सेवा नेटवर्क से झांसी को जोड़ने के इस लोकलुभावन वायदे को भी चुनाव के समय प्रत्याशियों ने खूब इस्तेमाल किया। वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य ने हवाई अड्डे का वायदा किया। चुनाव जीतने के बाद इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया। यह प्रक्रिया लम्बे समय से चलती ही आ रही है। प्रदीप के बाद 2014 में उमा भारती और 2019 में अनुराग शर्मा सांसद बने। मजे की बात तो यह रही कि दोनों सांसदों के कार्यकाल में झांसी को हवाई अड्डे की सौगात नहीं मिल सकी।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी में हवाई अड्डे की स्थापना की घोषणा की। इसके बाद से एक बार फिर प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया। खूब चहल कदमी होती रही। वहीं, झांसी महानगर से जनसंख्या, क्षेत्रफल और राजनीतिक असर में बहुत पीछे छतरपुर में 23 जनवरी 2016 में हवाई अड्डे के एक नए टर्मिनल का उद्घाटन भी हो गया। ऐसे में झांसी के लोगों को एक बार फिर से निराशा का सामना करना पड़ा। अब 2024 में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। हवाई अड्डे के लुभावने वायदे को कौन प्रत्याशी उछालता है।

खूब बढ़े जमीनों के दाम

झांसी में हवाई अड्डे को बनाने के लिए कम से कम 300 हेक्टेयर जमीन की जरूरत थी, ऐसे में जमीन की तलाश शुरू कर दी। कभी ग्वालियर रोड, तो कभी रक्सा के समीप तो कभी कहीं और। जमीनों का सर्वे किया जाने लगा। हवाई अड्डा निर्माण की खबर सुनते ही इन स्थानों पर प्रॉपर्टी डीलरों की चांदी हो गई। आनन-फानन में इन स्थानों की जमीनों के दाम आसमान पर पहुंच गए। लोग भी महंगी दरों पर प्लाट खरीदकर हवाई अड्डे के पास कामर्शियल काम करने की सोचने लगे।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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