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Jhansi News: मढ़िया महादेव मंदिर को भी है संरक्षण की अधिसूचना का इंतजार
Jhansi News: क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी द्वारा निदेशालय को 2022 में प्रेषित किया गया था प्रस्ताव निदेशालय की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया जाएगा निर्णय
Jhansi News: ऐतिहासिक, पुरातात्विक और धार्मिक महत्व रखने वाले प्राचीन मढ़िया महादेव मंदिर को भी अपने संरक्षण की अधिसूचना का इंतजार है। वर्ष 2022 से पुरातत्व निदेशालय में उक्त मंदिर को संरक्षित करने का प्रस्ताव पर कार्रवाही लंबित है। ऐसे में मंदिर का जो स्वरूप निखरकर सामने आना चाहिए था वह नहीं आ पा रहा है। हालांकि क्षेत्रीय पुरातत्व विभाग का बोर्ड मंदिर के बाहर लगा हुआ है। मालूम हो कि मढ़िया महादेव मंदिर के चारों ओर बनीं खूबसूरत मढ़िया क्षतिग्रस्त और जर्जर होती जा रहीं हैं। मुख्य मंदिर के पीछे मढ़िया में भूसा भरा नजर आ रहा है। ऐसे में इसे संरक्षित किया जाना जरूरी हो गया है। पुरातत्व विभाग अधिसूचना जारी होने पर इसे संरक्षित किया जा सकेगा।
मढ़िया महादेव मंदिर अपने स्वरूप और धार्मिक महत्व को लेकर विख्यात है। बीते वर्षों में स्थानीय नेताओं की मशक्कत के बाद इस मंदिर को बेतहाशा फैले अतिक्रमण से मुक्त कराया जा सका। अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद मंदिर की कोई सुध नहीं ली गई। अब मंदिर की मढ़िया की दीवारों की ईंटें तक दरकने लगीं हैं। ऐसे में इसके मूल स्वरूप के समक्ष खतरा मंडराने लगा है। हालांकि इस संबंध में क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई द्वारा संरक्षित करने के संबंध में निदेशालय को स्मरण पत्र भेजे जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि संरक्षित करने की अधिसूचना एडवायजरी कमेटी की बैठक के निर्णय के बाद ही जारी हो सकेगी। फिलहाल यह लंबित है। बताया गया कि अधिसूचना जारी होने के बाद भी लंबी प्रक्रिया चलेगी। संरक्षित होने पर मंदिर के क्षेत्रफल से किसी प्रकार की छेड़छाड़ या अतिक्रमण संभव नहीं होगा।
काम बहुत, बजट मात्र 1 लाख 20 हजार
यदि किसी क्षेत्र में संरक्षित इमारत क्षतिग्रस्त है और उसकी रुटीन रखरखाव के तहत मरम्मत कराना है। ऐसे में विभाग के पास मात्र 1 लाख 20 हजार रुपए का बजट होता है। विभाग के मुताबिक लक्ष्मी मंदिर गेट, मढ़िया महादेव मंदिर के साथ ललितपुर के रणछोड़धाम मंदिर में संरक्षण कार्य कराए जाने हैं। निदेशालय से स्वीकृति के पश्चात यहां नियमानुसार कार्य कराए जाएंगे।