×

Jhansi News: विश्व परिवार की परिभाषा भारत से सीखना चाहता है: ममता यादव

Jhansi News: शिक्षाविद एवं महिला समन्वय समिति की अखिल भारतीय महिला सह समन्वयक समाजसेविका डॉ.ममता यादव ने कहा कि आज विश्व परिवार की परिभाषा भारत से सीखना चाहता है। ईश्वर को भी उनकी मां के नाम से जाना जाता रहा है। अच्छी मां ही अच्छी संतान, समाज व देश का निर्माण करती है।

B.K Kushwaha
Published on: 17 Dec 2023 11:12 PM IST
The world wants to learn the definition of family from India: Mamta Yadav
X

विश्व परिवार की परिभाषा भारत से सीखना चाहता है : ममता यादव: Photo- Newstrack

Jhansi News: शिक्षाविद एवं महिला समन्वय समिति की अखिल भारतीय महिला सह समन्वयक समाजसेविका डॉ.ममता यादव ने कहा कि आज विश्व परिवार की परिभाषा भारत से सीखना चाहता है। ईश्वर को भी उनकी मां के नाम से जाना जाता रहा है। अच्छी मां ही अच्छी संतान, समाज व देश का निर्माण करती है। और ऐसे ही देश को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। यह बात उन्होंने मुख्य अतिथि के तौर पर महिला समन्वय समिति झांसी विभाग (कानपुर प्रांत) के तत्वावधान में 17 दिसंबर को पैरामेडिकल सभागार झांसी में आय़ोजित मातृशक्ति सम्मेलन में कही है। इसके पहले संस्कृति, संस्कार व स्वावलंबन की पाठशाला मातृशक्ति सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि शिक्षाविद एवं महिला समन्वय समिति की अखिल भारतीय महिला सह समन्वयक समाजसेविका डॉ.ममता यादव व कार्यक्रम अध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर छवि उपाध्याय समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

भारत माता के जयघोष से गूंजा वातावरण

मुख्य अतिथि ने कहा कि नया उत्साह ले मन में कदम आगे बढ़ाओ तुम, गीत जो बालिकाओं द्वारा गया उससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है। शोर में लहरों की आवाज सुनाई नहीं देती। उन्होंने कहा कि भारत माता के जयघोष से उठ रही थीं लहरें। उन्होंने ऋषिकेश के एक संस्मरण सुनाते हुए मां गंगा की लहरों की कलकल ध्वनि की बात बताई। शान्ति व आनन्द देने वाली मां गंगा। भारत की संस्कृति मां पर आधारित है। मां का आशय बताते हुए कहा कि मां का मतलब यह नहीं जो अपने गर्भ में धारण कर जन्म देती है। उसका मतलब मातृत्व से है।

उन्होंने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस अपनी 5 साल की बेटी को भी मां कहते हैं। यहां शिक्षिकाएं, चिकित्सक, मलिन बस्तियों की महिलाएं, ग्रामीण क्षेत्र से आई बहनें व वे सभी महिलाएं हैं। आजाद हिंद फौज में एक टुकड़ी थी महारानी लक्ष्मीबाई। उन्होंने अखंड हिन्द फौज की सराहना की। भारत मां में माता व पिता दोनों की छवि। महिला व पुरूष दोनों मिलकर समाज का निर्माण करते हैं। धर्म, अर्थ,काम व मोक्ष पर आधारित है भारतीय संस्कृति। ये परिवार का अभिन्न हिस्सा है। किसी बच्चे का सर्वांगीण विकास भी दोनों के द्वारा ही सम्भव है। जो अपना जीवन समाज के लिए समर्पित करता है उसका समाज में ज्यादा महत्व व आदर होता है।


जीवन के रथ को दौड़ाने के लिए दोनों की समानता आवश्यक। उन्होंने श्रीराम व मां सीता का उदाहरण दिया। अपनी संस्कृति का भान होना आवश्यक। मां का स्थान सर्वोच्च। विवाह के 7 फेरों का दिया उदाहरण। 7 वचनों का भी दिया उदाहरण। भारत में बेटों के नाम भी मां के नाम से जाने जाते हैं। अर्धनारीश्वर भगवान का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर भी इसका ध्यान देकर ही अवतार लिए। एक मां को सिखाने के लिए मां को उसे अपनी करनी के द्वारा समझना होगा। हमें अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी। एक अच्छी मां ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकती है और अच्छे समाज से ही अच्छे देश का निर्माण होता है।

इसलिए भारतीय संस्कृति में मां का स्थान सर्वोच्च है। ऐसे ही हम विश्व गुरु रहे और बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भी समान अधिकार था। 30 ऋषिकाओं ने वेदों की ऋचाएं लिखी। बाइबिल में लिखा है कि महिला का जन्म पुरुष की पसली से हुआ। पश्चिम में महिलाओं का अपमान हुआ। इसलिए महिला ने कहा कि मुझे न पति चाहिए,न भाई,न समाज चाहिए। हमें सिर्फ आजादी चाहिए। इसलिए पश्चिम की बात को भारत देश में थोपने का षड्यंत्र रचा गया। अब विदेशों में कहा जाता है कि यदि परिवार के बारे में सीखना है तो भारत से बेहतर और कहीं नहीं है। शक्ति प्रदाता,विद्या प्रदाता, धन प्रदाता सब स्त्री के सम्मान के उदाहरण केवल भारत में। संघर्ष ये घनघोर है कुछ हम लडे कुछ तुम लड़ो। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने महिलाओं से संवाद करते हुए उनके जीवन की उपलब्धियां भी जानी व महिलाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

मंच पर ये रहे उपस्थित

मंच पर प्रांत सहसंयोजक एवं विभाग संयोजक अंजू गुप्ता,जिला समन्वयक ललितपुर डॉ प्रीती पाठक, जिला समन्वयक ग्रामीण झांसी श्रीमती मोनिका सिंह,झांसी महानगर संयोजिका दीपिका वार्ष्णेय, जालौन संयोजिका डॉ. रचना श्रीवास्तव आदि उपस्थित रही। संचालन पूजा अवस्थी,श्रद्धा मिश्रा,व शिवा राजे बुंदेला ने संयुक्त रूप से किया।

इनका रहा विशेष सहयोग

कार्यक्रम में अंजली सक्सेना, मनु भारती शर्मा, विनीता शुक्ला, मोनिका सिंह, शोभा तिवारी, कुसुम काशीवाल, सुधा सोलंकी, सुनीता शर्मा, अविनी राजपूत, अर्चना अवस्थी, रेनू शिवहरे, रेनू पटेल,अखंड हिन्द फौज कमांडर प्रयागराज दीक्षा, मानवी शर्मा, पुष्पा अग्रवाल, प्रीति शर्मा, रुचिका बुंदेला ललितपुर, मधु तिवारी, रुचि गुप्ता, वैशाली जैन, झांसी से नेहा यादव, टिंकल देवलिया, शगुन घोष, पार्वती सक्सेना, नीलम गुप्ता, दीक्षा मिश्रा व मीनू राजावत आदि ने प्रमुख रूप से सहयोग किया। इस सम्मेलन में झाँसी विभाग (जिला जालौन,जिला ललितपुर, जिला झांसी महानगर एवं जिला झांसी ग्रामीण) की करीब 03 हजार महिलाओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया।



Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story