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Jhansi News: ट्यूमर से पीड़ित शख्स को मैक्स हॉस्पिटल में मिला नया जीवन

Jhansi News: मैक्स अस्पताल वैशाली के न्यूरोसर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर यशपाल बुंदेला ने बताया, ’’ललितपुर के रहने वाले इस मरीज को हाल ही में मैक्स अस्पताल वैशाली में भर्ती कराया गया था।

Gaurav kushwaha
Published on: 27 July 2024 2:10 PM IST
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ट्यूमर से पीड़ित शख्स को मैक्स हॉस्पिटल में मिला नया जीवन (न्यूजट्रैक)

Jhansi News: मैक्स अस्पताल वैशाली (गाजियाबाद) के डॉक्टरों ने एडवांस न्यूरो नेविगेशन और माइक्रोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी के जरिए ललितपुर के एक मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया। इस मरीज को सेरेबेलोपोंटाइन एंगल (सीपीए) ट्यूमर था, जो एक कॉम्प्लेक्स ब्रेन ट्यूमर माना जाता है। ब्रेन के संवेदनशील हिस्सों में होने के कारण ये ट्यूमर डॉक्टरों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश करते हैं। इस तरह के जटिल मामलों का सफलतापूर्वक इलाज करने में मदद करने वाली एडवांस तकनीक के बारे में मैक्स अस्पताल वैशाली के न्यूरोसर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर यशपाल बुंदेला ने अहम जानकारी दी।इस दौरान उनके साथ मरीज भी मौजूद थे।

मरीज को बार-बार तेज सिरदर्द की शिकायत थी

केस की जटिलताओं के बारे में मैक्स अस्पताल वैशाली के न्यूरोसर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर यशपाल बुंदेला ने बताया, ’’ललितपुर के रहने वाले इस मरीज को हाल ही में मैक्स अस्पताल वैशाली में भर्ती कराया गया था। मरीज को बार-बार तेज सिरदर्द की शिकायत थी। जांच में सामने आया कि सीपीए क्षेत्र में ट्यूमर है। ये एरिया ब्रेन का एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इसी कारण से हटाने के लिए सटीकता और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। हमारी टीम ने सर्जरी के दौरान सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न्यूरो नेविगेशन गाइडेंस के तहत एक हाई एंड माइक्रोस्कोप का उपयोग किया। सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हो गई, और सर्जरी के बाद मरीज की हालत काफी सुधार हुआ। मरीज ने अच्छी रिकवरी की और 3 दिनों के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई. फिलहाल, मरीज को कोई लक्षण नहीं हैं और उनकी हालत काफी बेहतर है.’’

इंट्राक्रैनील ट्यूमर के 5-10 फीसदी केस सामने आते

सेरेबेलोपोंटाइन एंगल (सीपीए) ट्यूमर एक नियोप्लाज्म है जो ब्रेन के तने और निचले हिस्से के बीच में होता है। ये वो एरिया होता है जो रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ से भरा होता है। सीपीए ट्यूमर पोस्टीरियर फोसा में सबसे आम ट्यूमर होते हैं, जिससे इंट्राक्रैनील ट्यूमर के 5-10फीसदी केस सामने आते हैं।ज्यादातर सीपीए ट्यूमर सौम्य होते हैं, लेकिन अगर इनका इलाज सही वक्त पर न कराया जाए तो रिस्क हो सकता है, नसों को नुकसान पहुंच सकता है या ब्रेन स्टेम कंप्रेस हो जाते हैं।

डॉक्टर यशपाल ने आगे कहा, ’’लोकेशन के कारण सीपीए ट्यूमर का इलाज हमेशा एक चुनौती रहती है। हालांकि, एडवांस तकनीक और एक कुशल टीम के साथ, हम सफल रिजल्ट पा सकते हैं।हम मरीज के ठीक होने से खुश हैं और उनके जीवन में सुधार आने पर आभारी हैं।’’मैक्स अस्पताल वैशाली अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और स्किल्ड टीम के लिए जाना जाता है. अस्पताल अपने यहां बेस्ट स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही इलाज में उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल एडवांस तकनीकों को अपनाने का लगातार प्रयास करता है।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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