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jhansi News: मेडिकल कालेज अग्निकांड: डिप्टी सीएम की अगवानी में डाला गया था चूना प्रकरण
jhansi News : महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में अब तक 15 मासूमों की जान चली गई है मगर अभी तक किसी पर कार्रवाई तक नहीं हुई है, अगर कार्रवाई हुई भी है तो वह प्राइवेट कर्मचारियों पर।
jhansi News: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में अब तक 15 मासूमों की जान चली गई है मगर अभी तक किसी पर कार्रवाई तक नहीं हुई है, अगर कार्रवाई हुई भी है तो वह प्राइवेट कर्मचारियों पर। दो प्राइवेट कर्मचारियों की नौकरी से इसलिए बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि डिप्टी सीएम की अगवानी पर चूना डाला था। यह चूना किसके आदेश पर डाला गया था। अभी तक पता नहीं चला है। इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर जनता में आक्रोश भड़क रहा है।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के एसएनसीयू में दस नवजात शिशुओं की जलकर मौत हो गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को भेजा था। जैसे ही भनक मेडिकल कालेज के प्रशासन को हुई तो उन्होंने डिप्टी सीएम के आगमन को देखते हुए चूना डाल दिया था। चूना डालने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने इसकी काफी आलोचना की थी। एेसे दुखद माहौल में इस तरह की अगवानी की तैयारी की जा रही है। वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने नाराजगी जताई थी और कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
बीते रोज महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ नरेंद्र सिंह सेंगर ने बाइट जारी करते हुए कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 और 16 नवंबर की रात डिप्टी सीएम घटनास्थल का निरीक्षण करने झांसी आए थे। उनके आगमन पर चूना डालने के मामले में दो कर्मचारी दोषी पाए गए थे। ये दोनों कर्मचारी बिना निर्देश के चूने की लाइन डाल रहे थे। इनमें राजा और सचिन है। ये हाउसकीपिंग ग्लोबल कंपनी के कर्मचारी हैं। इनको तत्काल प्रभाव से सेवाओं से हटा दिया गया है।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में 15 नवंबर की रात हुई घटना में दस नवजात शिशुओं की जलकर मौत हो गई थी। घटना के दौरान रेस्क्यू किए गए 39 बच्चों में से पांच बच्चों की अभी तक इलाज के दौरान मौत हो गई है। अग्निकांड के बाद अभी तक 15 बच्चों की मौत हो चुकी है। मेडिकल कालेज प्रशासन दस बच्चों की मौत आग लगने से और बाद में पांच बच्चों की मौत बीमारी से बता रहा है। बताते हैं कि 39 बच्चों में से अधिकाश बच्चों की छुट्टी कर दी गई है। घटना की जांच के लिए तीन अलग-अलग जांच कमेटियां गठित की गई है, मगर अभी तक किसी की जिम्मेदारी निर्धारित नहीं की गई है।
15 मौत के बाद जागा मलबा प्रशासन, करवाया मॉक ड्रिल
मेडिकल कालेज में 15 मासूम बच्चों की मौत के बाद मेडिकल कालेज में अग्नि सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल करवाया गया। अग्निशमन विभाग की टीम ने सुबह मेडिकल कालेज परिसर में पहुंची। यहां टीम के सदस्यों ने बताया कि अग्नि दुर्घटना के समय बहुत ही सावधानी के साथ लिया जाना चाहिए। अस्पताल जैसी जगह में मरीजों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। जब भी कभी एेसी घटना सामने आए तो अस्पताल में इलाजरत मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने व उन्हें आग से बचाना पहली प्राथमिकता हो।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी व उनकी टीम ने उपस्थित मेडिकल कालेज स्टॉफ, सुरक्षा कर्मचारी, सफाई कर्मचारी व अन्य तकनीकी कर्मचारियों को अग्निशमन उपकरणों के संचालन व अग्नि हादसों से बचने के आवश्यक उपायों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि आकस्मिक अग्नि दुर्घटना में क्या-क्या एहतियात बरतना चाहिए। आग पर काबू पाने के साथ-साथ वहां किसी प्रकार की जनहानि न हो इसके लिए सर्वप्रथम तैयारी व उपाय किया जाना चाहिए। विशेषकर अस्पताल जैसी जगह में जहां मरीज अपनी जगह से उठने तक में असमर्थ होता है, एेसी स्थिति में यदि अग्नि दुर्घटना हो जाए तो इनकी जान बचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
जनता में भड़क रहा है आक्रोश
मेडिकल कालेज में 15 मासूम बच्चों की मौत को लेकर अब जनता में धीरे-धीरे आक्रोश भड़क रहा है। लोगों का कहना है कि अभी तक मेडिकल कालेज के चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। मामले को पूरी तरह से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया है। वह तो कंपनी से पहले ही निकाल दिया था। इसमें प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है। लोगों का कहना है कि अगर मलबा प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो बहुत बड़ा आंदोलन हो सकता है। इसके लिए वह लोग कुछ भी करने को तैयार है। लोगों का कहना है कि हमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो दोषियों के पुतलों का दहन करेंगे।