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Jhansi News: माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के लिए अब नहीं जाना होगा PGI, यहां मिलेगी सुविधा
Jhansi News: प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर कुमार ने कहा माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी जटिल होती है। इसमें बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। पहले अति गंभीर मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता था, अब यह सर्जरी मेडिकल कॉलेज में ही की जाने लगी है।
Jhansi News: हादसों में क्षतिग्रस्त हुईं नसों की प्लास्टिक सर्जरी के लिए अब पीजीआई जाने की जरूरत नहीं है, यह सर्जरी अब झांसी के मेडिकल कॉलेज में हो सकेगी। इसको माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के नाम से जाना जाता है। यह जटिल सर्जरी करने वाला महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज बना है। अति गंभीर मरीजों को अब रेफर करने के बजाए यहीं उनका इलाज होने से मरीजों व तीमारदारों को राहत मिल रही है।
गौरतलब है कि सडक़ दुर्घटना, करंट लगने या कैंसर की स्थिति में संबंधित अंग से मांस निकल जाता है। ऐसे में शरीर की अन्य किसी जगह से मांस निकालकर उस हिस्से में लगाना पड़ता है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के लिए यह सर्जरी किसी चुनौती से कम नहीं होती। मामला गंभीर होने पर पहले मरीज को केजीएमयू लखनऊ या पीजीआई के लिए रेफर कर दिया जाता था, जहां माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के जरिए मरीज का उपचार होता था। अब मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने संबंधित उपकरण स्थापित कर खुद ही ये सर्जरी करनी शुरू कर दी है। इसके तहत माइक्रोस्कोप से छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं को देखकर यह पता लगाया जाता है कि कहां से रक्त का प्रवाह बाधित हो रहा है। इस सर्जरी के तहत शरीर के कटे या क्षतिग्रस्त अंगों पर अन्य किसी जगह के ऊतक निकालकर उनका प्रत्यारोपण किया जाता है। इसके साथ ही जहां खून का प्रवाह नहीं होता, वहां खून की नलियां बना दी जाती हैं, ताकि शरीर में खून का प्रवाह होता रहे।
प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर कुमार ने कहा माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी जटिल होती है। इसमें बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। पहले अति गंभीर मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता था, अब यह सर्जरी मेडिकल कॉलेज में ही की जाने लगी है। यह सर्जरी शुरू करने वाला मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज है। इस सुविधा से मरीजों का खर्च व भागदौड़ में बर्बाद होने वाले समय दोनों की बचत होगी।
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