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Jhansi News: फिर उछला बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण का मुद्दा, विधायक रवि शर्मा ने किया मुखर

Jhansi News: बुंदेलखंड के नाम पर हर नेता ने छला हो कुछ जनप्रतिनिधियों ने सदन में बुंदेलखंड राज्य को लेकर अपनी आवाज मुखर की है।

B.K Kushwaha
Published on: 21 March 2024 5:01 AM GMT
Bundelkhand development issue
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Bundelkhand development issue  (photo: social media )

Jhansi News: बुन्देलखण्ड राज्य का जिन्न लोकसभा चुनाव के आते ही फिर एक बार सिर बाहर निकालने लगा है और इस बार हवा दी है बीजेपी से सदर विधायक रवि शर्मा ने। हालांकि बुन्देलखण्ड की जनता हर बार इस मुद्दे की वजह से छली गई और इससे चुनाव भी प्रभावित होते रहे। बुंदेलखंड की बात कहकर वोट हासिल उसके बाद यहां की जनता को झुनझुना थमा दिया गया, जिससे यहां का मतदाता अपने को ठगा सा महसूस करता रहा है। अब तो यहां के निवासी नेता के मुंह से बुंदेलखंड राज्य की बात सुनते ही छिड़कने लगे हैं। ऐसी बात नहीं कि बुंदेलखंड के नाम पर हर नेता ने छला हो कुछ जनप्रतिनिधियों ने सदन में बुंदेलखंड राज्य को लेकर अपनी आवाज मुखर की है। विगत दस वर्षों से इस मुद्दे पर किसी राजनैतिक दल ने गंभीरता से कोई प्रयास नहीं किया और जो वादे वर्तमान सत्तासीन सरकार के नेताओं ने किए थे, अभी तक उन्होंने इस पर कोई अमल नहीं किया है।

बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर विगत कई वर्षों से आंदोलन, धरना प्रदर्शन आदि होते चले आ रहे हैं। शंकरलाल मेहरोत्रा से लेकर भानू सहाय तक लगातार बुंदेलखंड राज्य निर्माण को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। वहीं तमाम राजनीतिक दलों ने बयानबाजी के सिवाय कुछ नहीं किया। हर बार चुनाव आते ही बुन्देलखण्ड राज्य बनाए जाने की चर्चा जोर शोर से होने लगती है। नेताओं द्वारा बयानबाजी भी होने लगती है। बुन्देलखण्ड के लोगों की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा होने के कारण यह चुनाव नतीजों पर प्रभाव डाल सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस 2008 में कानपुर में हुए प्रान्तीय अधिवेशन में सोनिया गांधी व राहुल गांधी की मौजूदगी में राज्य निर्माण का समर्थन कर चुकी है और इसको लेकर कांग्रेस ने आगे बढ़ते हुए 2008 में ही वाराणसी में प्रान्तीय अधिवेशन में बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण का प्रस्ताव पारित कर दिया था।

बुन्देलखण्ड राज्य समेत चार राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव

कांग्रेस को बुन्देलखण्ड राज्य के पक्ष में नज़र आते ही बसपा ने भी प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर उत्तर प्रदेश को बुन्देलखण्ड राज्य समेत चार राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव दे चुकी थी। उसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए 2008-09 में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिये विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के विभाजन का प्रस्ताव लाने की तैयारी भी कर ली थी। पहले कांग्रेस ने प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन बाद में वह राज्य पुनर्गठन आयोग की गठन से पीछे हट गई। वहीं समाजवादी पार्टी पहले से ही इसकी विरोधी रही है। इधर, छोटे राज्यों को लेकर पहले भाजपा की स्थिति साफ नहीं थी। इस मामले को तूल मिला, जबकि लोकसभा चुनाव 2014 से पूर्व एक आम सभा में भाजपा की तेजतर्रार नेत्री व लोकसभा प्रत्याशी उमा भारती ने जनता से वादा किया था कि केन्द्र सरकार बनते ही तीन साल के भीतर बुन्देलखण्ड राज्य बना देंगे। उनकी बात का समर्थन वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी किया था। इसके बाद बुन्देलखण्ड की जनता ने विश्वास करते हुए उनको भरपूर वोट दिए।

इसके बाद उमा भारती ने इस मुद्दे को लगभग भुला सा दिया। दस वर्ष में बुन्देलखण्ड राज्य के मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। सिर्फ हमीरपुर महोबा सीट से सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने ही राज्य निर्माण को लेकर लगभग आठ बार यह बात रखी। अब एक बार फिर इस मामले को लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी से सदर विधायक रवि शर्मा ने यह बात रखी है। विगत दिनों हुए ब्राह्मण समाज के एक कार्यक्रम में सदर विधायक ने कहा था कि अब हम सबको बुन्देलखण्ड राज्य के निर्माण के लिए जुट जाना चाहिए। राज्य का निर्माण होगा, तो यहां काम बढ़ेगा और इसमें हमारे बच्चों को जाब मिलेगी। इसका फायदा हमको और हमारे बच्चों को ही मिलेगा। उन्होंने भास्कर से बातचीत में बताया कि वह हमेशा से ही बुन्देलखण्ड राज्य के पक्ष में रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद वह इसको लेकर रणनीति बनाएंगे और उस पर अमल करेंगे।

वहीं इस सम्बंध में बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय बताते हैं कि बुन्देलखण्ड में अभी तक एक ही वीर सांसद है पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल और अब एक और बहादुर सदर विधायक के रुप में सामने आए हैं। दोनों ही भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा हैं, लेकिन इनको इस मामले में कोई डर नहीं लग रहा है। ऐसे में हमारे झांसी ललितपुर संसदीय सीट से सांसद को ही क्यों डर लग रहा है और वह इस पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। उनके पिता स्व विश्वनाथ शर्मा पूर्व सांसद ने 1970 में तीन लाख सदस्य बनाए थे और वह बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के समर्थक थे।


संविधान में यह है प्रावधान

संविधान के अनुच्छेद 3 के अन्तर्गत प्रावधान है कि केन्द्र सरकार स्वयं राज्य निर्माण कर सकती है, लेकिन विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना इस कार्रवाई का ही हिस्सा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दोनों ही जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। लोकसभा चुनाव से पूर्व केन्द्र में भी भाजपा सरकार ही थी। यदि इस मामले पर गंभीर होते, तो अब तक इस पर कोई कार्रवाई हो जाती।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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