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Jhansi News: नगर निगम ने दिया 100 का पैसा, यूपी एग्रो ने 80 हैंडपंप लगवाये, 60 लगने बाकी
Jhansi News: नगर निगम सदन द्वारा हर पार्षद को दो-दो हैंडपंप के अलावा मेयर, एमएलसी, पदेन सदस्यों जिसमें विधायक, सांसद और एमएलसी के अलावा वीआईपी की संस्तुति पर हैंडपंप लगाए जाते हैं।
Jhansi News: नगर निगम न तो जगह बता रहा है, और न ही बाकी का पैसा दे रहा है। ऐसे में महानगर में हैंडपंप कैसे लगेंगे जिससे प्यासे वार्डवासियों को पीने के लिए पानी मिल सके। यह दो टूक बात यूपी एग्रो ने कही है।
नगर निगम बोर्ड में स्वीकृत प्रस्ताव पर महानगर में 140 हैंडपंप लगाए जाने थे। वर्ष 2023-24 में नगर निगम ने यूपी एग्रो को हैंडपंप लगाने का आर्डर दिया, साथ ही 100 हैंडपंप की अग्रिम राशि दी। यूपी एग्रो ने पार्षदों द्वारा 80 चयनित स्थानों पर हैंडपंप लगा दिए। बाकी के स्थल न बताने पर काम रुक गया। वित्तीय वर्ष बीत गया। अब नगर निगम न तो और पैसा दे रहा है और न ही चयनित स्थल बता रहा है। ऐसे में यूपी एग्रो का काम रुका पड़ा है। विभाग का कहना है कि उसे बाकी पैसा और स्थल बताए जाएं तो वह बाकी के हैंडपंप लगाकर अपना काम पूरा करे।
वर्ष 2023-24 में चयनित बोर्ड द्वारा सदन की बैठक में प्रस्ताव पारित करके हर पार्षद के वार्ड में दो-दो हैंडपंप लगाने की स्वीकृति पर मुहर लगाई गई थी। इस पर पार्षदों ने प्रसन्नता जताते हुए कहा था कि उनके वार्ड में पानी की कमी वाले मुहल्लों में हैंडपंप लगने से जनता को बहुत सुविधा हो जाएगी। इसके बाद शासन द्वारा निर्धारित कार्यदाई संस्था यूपी एग्रो को महानगर में 140 हैंडपंप लगाने का आर्डर दिया गया। साथ ही उसे 100 हैंडपंप की अग्रिम धनराशि भी दी गई। वर्क आर्डर और पैसा मिलने पर यूपी एग्रो ने अपना काम चालू किया। कार्यदाई संस्था ने पार्षदों द्वारा उनके वार्डों में चयनित स्थलों पर हैंडपंप लगाने का काम प्रारंभ किया। इस दौरान विभाग द्वारा लगातार पत्राचार करके नगर निगम से बाकी के चयनित स्थलों को सूची देने की मांग की गई, परंतु सूची नहीं मिली। विभाग का कहना है कि सूची न मिलने पर बाकी के स्थलों पर हैंडपंप नहीं लगाए जा सके। इसके बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर यूपी एग्रो ने 80 हैंडपंप लगाए जाने की रिपोर्ट नगर निगम को दे दी। इसके बाद विभाग बाकी के 60 स्थलों और 40 हैंडपंप के स्थलों का इंतजार करता रहा परंतु नए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए न तो कोई नया काम मिला और न ही पुराने का हिसाब किताब हुआ।
140 हैंडपंप का लेखाजोखा
नगर निगम सदन द्वारा हर पार्षद को दो-दो हैंडपंप के अलावा मेयर, एमएलसी, पदेन सदस्यों जिसमें विधायक, सांसद और एमएलसी के अलावा वीआईपी की संस्तुति पर हैंडपंप लगाए जाते हैं।
यूपी एग्रो के पास था कृषि यंत्रों का काम
पूर्व में यूपी एग्रो के पास कृषि विभाग द्वारा किसानों को सब्सिडी पर दिए जाने कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देने का कार्य कर रहा था। यह कार्य यूपी एग्रो कई वर्षों से कर रहा था। 2014 के बाद सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में आने लगी, इसकी वजह से यूपी एग्रो का यह काम बंद हो गया। ऐसे में यूपी एग्रो कार्यालय की हालत भी खस्ता हो गई है। विभाग के मुताबिक वह हैंडपंप लगाने का काम 1990 से कर रहा है, बावजूद इसके उसके पास सिर्फ नगर निगम और ग्राम्य विकास विभाग का काम ही है।
झांसी यूपी एग्रो डिवीजनल इंजीनियर चरन सिंह ने कहा कि नगर निगम हैंडपंप की सूची के साथ शेष धनराशि दे तो काम को सुचारू हो सके। इसके साथ ही नए वित्तीय वर्ष के लिए काम दिया जाना चाहिए।