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Jhansi News: कुत्ता पालना है तो लेना होगा लाइसेंस, नगर निगम ने जारी किया लाइसेंस
Jhansi News: पालतू कुत्ते के लिए नगर निगम द्वारा लाइसेंस की अनिवार्यता की गई है। यदि आपके घर में कोई पालतू कुत्ता है तो उसका लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है।
Jhansi News: नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की भरमार हो गई है। रोजाना कुत्ते के काटने की घटनाएं सामने आती हैं। हालांकि, नगर निगम का अमला कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाता है पर यह नाकाफी है। गलियों में घूमने वाले कुत्तों को स्ट्रीट डाग की संज्ञा दी गई है। यदि किसी कुत्ते ने आपके दरवाजे के सामने अपना ठिकाना बना लिया है या आपके बरामदे या बगीचे के पास रहने लगा है तो उसे पालतू कुत्ते की संज्ञा दी जाती है। पालतू कुत्ते के लिए नगर निगम द्वारा लाइसेंस की अनिवार्यता की गई है। यदि आपके घर में कोई पालतू कुत्ता है तो उसका लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है।
कुत्ते का लाइसेंस बनवाने के लिए यदि कुत्ता देसी है तो उसके लिए सौ रुपए का शुल्क अदा करना पड़ता है। इसके पश्चात कुत्ते की पोस्टकार्ड साइज की फोटो सगेगी। वैक्सीनेशन की छायाप्रति के साथ कुत्ते के पालक या मालिक के आधार कार्ड की छायाप्रति लगेगी। यह औपचारिकता पूर्ण करने के पश्चात कुत्ते का नगर निगम से लाइसेंस बन जाएगा। लाइसेंस बनते ही कुत्ते के लिए वह सब नियम पालन करने होंगे जिससे अन्य लोगों को परेशानी न हो और आपका कुत्ता भी सुरक्षित रहे। वहीं यदि आपका कुत्ता विदेशी नस्ल का है तो उसके लिए दो सौ रुपए शुल्क लगेगा बाकी की औपचारिकताएं वहीं होंगी। नगर निगम के अनुसार महानगर क्षेत्र में कुल 800 देसी व विदेशी कुत्तों का पंजीकरण है। देखा जाए तो महानगर में हजारों लोग अपने घरों में पालतू कुत्ते रखते हैं परंतु वह उसका लाइसेंस बननाने में उदासीनता बरत रहे हैं।
आबादी नियंत्रण करने के लिए नसबंदी
शहर में कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नगर निगम संख्या पर नियंत्रण करने के लिए निरंतर बधियाकरण(नसबंदी) कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत स्ट्रीट डौग को पकड़कर नगर निगम की गाड़ी से बधियाकरण केंद्र तक लाया जाता है। इसके पश्चात उसका बधियाकरण किया जाता है, एक दिन पश्चात उसे उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है।
7106 कुत्तों का किया बधियाकरण
नगर निगम के अनुसार इस वर्ष के अंत तक 7106 कुत्तों का बधियाकरण किया गया जिनमें से 3707 नर और 3399 मादाओं के आपरेशन किए गए।