New Crime Laws: एक जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक कानून, मिलेंगी कई नई सेवाएं

New Crime Laws: नए कानूनों के तहत न्याय प्रक्रिया के सभी घटक एक सूत्र से बंधेंगे। इनमें पुलिस, न्याय पालिका, अभियोजन और जेल शामिल हैं। अब अस्पताल भी इससे अलग नहीं रहेंगे।

Gaurav kushwaha
Published on: 30 Jun 2024 1:26 PM GMT
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एक जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक कानून (न्यूजट्रैक)

Jhansi News: एक जुलाई से यूपी में तीन नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम) लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चली आ रहीं पुरानी धाराएं और नियम-कानून काफी हद तक बदल जाएंगे। यूपी पुलिस भी नए कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अभी तक यूपी पुलिस के जवानों को नए आपराधिक कानून, विधि-विज्ञान और डिजिटल पुलिसिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

पुलिस के मुताबिक एक जुलाई को सभी थानों में नए कानूनों की जानकारी देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी थानाध्यक्षों को स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। यूपी पुलिस के द्वारा नए आपराधिक कानून के अंतर्गत किए गए बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका उपलब्ध कराई गई है, जिसे थानाध्यक्ष आमंत्रित नागरिकों के बीच वितरित करेंगे।

खत्म होगी चिट्ठी मजरुबी की मजबूरी, सिपाही भी कराएंगे मेडिकल,

तीनों आपराधिक कानून बदलने के साथ-साथ इनसे जुड़ी बहुत सी व्यवस्थाएं और शब्दावली का प्रयोग भी बंद हो जाएगा। इन्हीं में से एक है ‘चिट्ठी मजरुबी’। इस जरूरी चिट्ठी की जरूरत अब नहीं रहेगी। अस्पतालों में मेडिकल इस चिट्ठी के बगैर ही अकेले सिपाही भी जाकर करा सकता है। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में एक्सीडेंट या अन्य कोई घटना होने पर पहले इलाज होगा, फॉर्म बाद में भरा जाएगा। पहले डॉक्टर काम शुरू करेंगे उसके बाद कानून जो करेगा वह बाद में देखा जाएगा।

ऑनलाइन होगी पोस्टमार्टम रिपोर्ट

नए कानूनों के तहत न्याय प्रक्रिया के सभी घटक एक सूत्र से बंधेंगे। इनमें पुलिस, न्याय पालिका, अभियोजन और जेल शामिल हैं। अब अस्पताल भी इससे अलग नहीं रहेंगे। अब शवों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी ऑनलाइन मिल सकेगी। पुलिस अधिकारी इसे स्वयं देख सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी ऐसे अस्पतालों (जहां पर पोस्टमार्टम होते हैं) को पत्र जारी किया गया है। इन सभी जगह यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।

महिलाओं-बच्चों से संबंधित अपराधों में सजा और सख्त

अधिवक्ता विवेक कुमार बाजपेयी ने बताया कि महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराध अब भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 से 97 तक हैं। दुष्कर्म में अधिकतम उम्रकैद और न्यूनतम 10 वर्ष की कैद का प्रावधान है। दुष्कर्म पीड़िता की उम्र यदि 16 वर्ष से कम होगी तो कम से कम 20 वर्ष की कठोर कैद या उम्रकैद और जुर्माना से दोषी को दंडित किया जाएगा। दुष्कर्म पीड़िता की उम्र यदि 12 वर्ष से कम होगी तो न्यूनतम 20 वर्ष की कैद, आजीवन कारावास या मृत्युदंड और जुर्माना से दोषी दंडित किया जाएगा। इसी तरह से सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता यदि वयस्क होगी तो दोषी की सजा की अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी। साथ ही, उम्रकैद का भी प्रावधान है। पीड़िता की उम्र यदि 18 वर्ष से कम होगी तो दोषी को उम्रकैद या मृत्युदंड और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

60 वर्ष से ज्यादा उम्र तो गिरफ्तारी के लिए डीप्टी एसपी से अनुमति जरूरी

अधिवक्ता विवेक कुमार बाजपेयी ने बताया कि नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद किसी अपराध में बालक को शामिल कराने वाले को तीन से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। छोटी आपराधिक घटनाएं जिनमें तीन वर्ष से कम की कैद का प्रावधान है, उनका आरोपी यदि 60 वर्ष से अधिक उम्र का है या गंभीर रूप से बीमार है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए डिप्टी एसपी या उससे सीनियर अफसर की अनुमति लेनी होगी। एक से अधिक बार चोरी करने वाले को पांच वर्ष तक की कैद का प्रावधान किया गया है।

थानों को ई-मेल भेज दर्ज कराएं शिकायत

यूपी पुलिस की वेबसाइट में भी बदलाव किया गया है। अब वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध हैं। वेबसाइट के होम पेज पर नए आपराधिक कानून का आइकन (प्रतीक चिह्न) बना हुआ है, जिसे क्लिक करने पर तीनों नए आपराधिक कानून से जुड़ी जानकारी मिलेगी।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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