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Jhansi News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश नहीं मानतेः बाबू, जब चाहे हस्ताक्षर करें

Jhansi News: बाबू बृजेश श्रीवास काफी समय से ब्लॉक बंगरा में पदस्थ हैं। कहीं इनका तबादला भी नहीं होता। अगर होता है तो यह उसे ले -देकर निपटा लेते हैं और फिर ब्लॉक बंगरा आ जाते हैं।

Gaurav kushwaha
Published on: 26 March 2025 3:06 PM IST
Jhansi News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश नहीं मानतेः बाबू, जब चाहे हस्ताक्षर करें
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Jhansi News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक बाबू के इशारे पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय चल रहा है। जब चाहे हस्ताक्षर करें, ना करें तो बाद में इकट्टा हस्ताक्षर कर सकतें है क्योंकि अफसरों के सामने बाबू की कई कमियां उजागर हुई है मगर उसका अभी तक कुछ नहीं बिगड़ा है।

बाबू बृजेश श्रीवास काफी समय से ब्लॉक बंगरा में पदस्थ हैं। कहीं इनका तबादला भी नहीं होता। अगर होता है तो यह उसे ले -देकर निपटा लेते हैं और फिर ब्लॉक बंगरा आ जाते हैं। यहां पर काफी लंबे समय से रहकर सारे अध्यापकों के विषय में जानकारी एकत्र करना, छोटी-छोटी बातों पर उन्हें परेशान करना तथा जबरन रुपए की वसूली करना आदत बन चुकी है। बताते हैं कि बीआरसी में अपनी मनमानी करना, खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध जाना, तथा मनमानी ढंग से अपने स्वार्थ के लिए ऑफिस में लोगों को संबद्ध कर लेना यह उनके पुराने काम है जिन्हें यह ब्लॉक बंगरा में ही अंजाम दे सकते हैं अन्य किसी ब्लॉक में नहीं इसलिए इसे यह ब्लॉक छूट नहीं रहा है।

इस तरह हैं के प्रकरण

एक पत्र 22 नवंबर 2024 को जारी किया गया। इसमें वह आदेश है जिसके तहत बाबू बृजेश श्रीवास नगर क्षेत्र में पद स्थापित किया गया था। एक पत्र 29 जनवरी 2025 को जारी किया गया। इस पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का वह आदेश है जिसमें कोई भी पत्रांक संख्या नहीं डाली है इसके अनुसार बाबू बृजेश श्रीवास को ब्लॉक बंगरा में अटैच किया गया है। इसी तरह एक पत्र में 31 जनवरी 2025 को जारी किया गया जिसमें कार्यालय खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र के द्वारा बाबू बृजेश श्रीवास के कार्य मुक्ति का आदेश है।

बताते हैं कि फरवरी 2025 में रजिस्टर के दो पेज हैं। इनमें एक उपस्थिति रजिस्टर का पेज है जिसमें बाबू बृजेश श्रीवास के हस्ताक्षर छूटे हुए हैं। बाद में उसी रजिस्टर का एक पेज भी है जिसमें बाबू बृजेश श्रीवास ने इकट्ठे साइन कर दिए हैं। स्पष्ट है कि बृजेश श्रीवास बाबू को जिस काम के लिए यहां संबद्ध किया गया था, वह वास्तव में काम है ही नहीं, तभी तो वह इतने दिन अनुपस्थित रहते हैं और एकाएक प्रकट होकर सारे साइन कर लेते हैं।

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